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हिसार: जीजेयू काे देश के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों में लाने का लक्ष्य
गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को देश के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। बिश्नाई समाज के संस्थापक गुरु जंभेश्वर भगवान के नाम पर 1995 में स्थापित इस यूनिवर्सिटी ने महज 30 साल में यह मुकाम हासिल किया है। जीजेयू को लेकर आने वाले समय में किस तरह की योजनाएं हैं इसको जानने के लिए अमर उजाला ने कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई से विशेष साक्षात्कार में सवाल पूछे। आप भी इन सवालों को संक्षिप्त में पढिए।
सवाल-जीजेयू को देश के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों में लाने के लक्ष्य के लिए क्या प्रयास किए जाएंगे ?
जवाब -हम शोध के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। युवाओं को अच्छे रोजगार के लिए गुणवत्ता परक पाठयक्रमों पर काम करेंगे। शिक्षण के स्तर के भी बढाएंगे।एनआईआएफ रैंकिंग में हमने पिछली बार के मुकाबले 15 अंक की छलांग लगाई है। इस बार हम राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में 101 से 150 के बीच में थे। हमारा अगला लक्ष्य टॉप 100 में शामिल होना है।
सवाल - चिकित्सा के क्षेत्र में युवाओं के पास रोजगार के अच्छे विकल्प हैं। पेरा मेडिकल तथा क्या जीजेयू में मेडिकल कॉलेज के लिए भी कोई योजना चल रही है ?
जवाब - हिसार को मेडिकल का हब माना जाता है। यहां पर 250 से अधिक अस्पताल हैं। फिजियोथैरेपी, बी फार्मा, एम फार्मा के कोर्स हम पहले से ही संचालित कर रहे हैं।पेरा मेडिकल कॉलेज इसी सत्र से शुरू कर रहे हैं। जिसमें बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम के कोर्स शुरु करेंगे। मेडिकल कॉलेज के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। एआई के नए कोर्स भी लाएंगे।
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सवाल - पिछले तीन साल में यूनिवर्सिटी में नए पाठयक्रमों तथा विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब - नए टीचिंग ब्लाक के लिए हमने प्रस्ताव भेजे हुए हैं। लड़कियों के एक छात्रावास की ग्रांट हमें मिल गई है। लड़कों के छात्रावास के लिए हमने प्रदेश सरकार को प्रोजेक्ट भेजा हुआ है।जिस पर लगातार प्रयास किए जा रह हैं। उम्मीद है हमें दूसरे छात्रावास की ग्रांट भी जल्द ही मिलेगी।
सवाल- हिसार में एयरपोर्ट का पहला फेज शुरु हो गया है ऐसे में आने वाले समय में यहां एयरोनोटिक्स से जुड़े प्रशिक्षित युवाओं की डिमांड होगी। हम उस डिमांड को पूरा करने के लिए कहां तक तैयार हैं?
जवाब -हमने दो साल पहले ही बीएससी इन सिविल एविएशन का पाठयक्रम शुरु कर चुके हैं। सिविल एविएशन कॉलेज के प्रस्ताव को लेकर भी सरकार को अनुरोध करेंगे। जल्द ही हम ड्रोन टैक्नोलाजी पर भी नए कोर्स लेकर आएंगे। जिसके लिए हमारी ओर से गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे।
सवाल-नए कोर्सेज शुरू करने के लिए काफी संसाधनों की जरूरत होगी इसके लिए क्या तैयारी है?
जवाब -जरूरत के अनुसार नई भर्ती भी की जा रही है। उच्चतर शिक्षा विभाग, यूजीसी के नियमों व मानकों के अनुसार मैनपावर हमारे पास है। हम अपनी आधार भूत संरचना को लगातार मजबूत कर रहे हैं। हमारे पास अत्याधुनिक मशीनों ,उपकरणों से सुसज्जित आधुनिक प्रयोगशालाए हैं।
सवाल - आज के समय काफी युवा नौकरी के साथ भी पढ़ाई करते हैं, ऐसे में डिस्टेंस कोर्सेज व ऑनलाइन कोर्सेज को किस तरह का रिस्पांस मिल रहा है?
जवाब -हमने पूरे हरियाणा में अपने डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर खोले हैं। प्रदेश भर के युवाओं को अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। हमारे ऑनलाइन कोर्सेज में दूसरे देशों के सैंकडों लोगों ने दाखिला लिया हुआ है। हर साल इनमें विद्यार्थियों की संख्या 15 से 25 प्रतिशत तक बढ़ रही है। हमने अपने सभी नए कोर्सेज को नई शिक्षा नीति के हिसाब से डिजायन किया है।
सवाल-युवाओं को शिक्षा के साथ रोजगार उपलब्ध कराने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? कैंपस प्लैसमेंट की स्थिति का आंकलन कैसे करते हैं?
जवाब - हमारी यूनिवर्सिटी में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी अधिक हैं। करीब 70 प्रतिशत विद्यार्थी रुरल बैकग्राउंड से आते हैं। ऐसे युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए लैंग्वेज स्किल, स्किल ट्रैनिंग ,कम्युनिकेशन स्किल देते हैं। जिसके बाद युवाओं को नौकरी मिल जाती हैं। हाल ही में इंफोसिस ने हमारी यूनिवर्सिटी से 49 विद्यार्थियों का चयन किया है। हमारे छह विभागों में 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हैं।
सवाल- रिसर्च का स्तर बढ़ाने के लिए किस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं?
जवाब -किसी भी शिक्षण संस्थान की एनआरएफ रैंकिंग में रिसर्च की अहम भूमिका होती है। रिसर्च की क्वालिटी के हिसाब से ही युवाओं को जॉब ऑफर भी मिलते हैं। हमारे प्रोफेशनल कोर्स में औद्योगिक क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण रिसर्च हो रही हैं। हाल ही में रुसा से दस करोड़ की ग्रांट रिसर्च के लिए मिली है। हम इंटरनेशनल लेवल पर कंपीट कर रहे हैं।
सवाल- नई शिक्षा नीति को लागू करने में जीजेयू ने सबसे पहले शुरुआत की थी, कितना बदलाव देख रहे हैं?
जवाब - देश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति हरियाणा ने शुरु की थी। हमने करीब दो साल पहले नई शिक्षा नीति को लागू किया था। हमने योजनाबद्ध तरीके से इसे लागू किया है। हमारे सभी संबंद्ध कॉलेजों में भी इसे लागू किया जा चुका है। विद्यार्थियों को इसका फायदा मिलना भी शुरु हो गया है। जिसमें प्रेक्टिकल शिक्षा ज्यादा है। किसी कक्षा में पढ़ाई छोड़ने के बाद पढ़ाई बेकार नहीं जाएगी। उसे उसका क्रेडिट मिलेगा।
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