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VIDEO : WH 1270 planted in one lakh hectare in Haryana, Hisar HAU's senior wheat scientist Dr. OP Bishnoi gave information
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VIDEO : हरियाणा में एक लाख हेक्टेयर में लगाई डब्ल्यूएच 1270, हिसार एचएयू के वरिष्ठ गेंहू वैज्ञानिक डॉ. ओपी बिश्नोई ने दी जानकारी
इस बार किसानों को गेंहू का बंपर उत्पादन मिलेगा। जिसमें बहुत बड़ा योगदान एचएयू की नई किस्म डब्ल्यूएच 1270 का होगा। हरियाणा के किसानों ने करीब एक लाख हेक्टेयर में इस किस्म की बिजाई की गई है। सामान्य किस्मों का उत्पादन 50 से 55 मण प्रति एकड़ होता है। इस किस्म का उत्पादन 65 से 70 मण प्रति एकड़ रहता है।
एचएयू के वरिष्ठ गेंहू वैज्ञानिक डॉ. ओपी बिश्नोई ने बताया कि यह किस्म सामान्य किस्मों से अधिक गुणवत्ता वाली है। इसमें प्रोटीन कंटेंट 12.5 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को गेहूं की डब्ल्यूएच 1270, 303 तथा 187 किस्म बहुत लुभा रही हैं। किसानों ने इस बार इन किस्मों को व्यापक स्तर पर लगाया है। जिसका असर उत्पादन पर भी होगा। किसानों को गेंहू की बंपर पैदावार होगी। अभी तक मौसम भी गेंहू उत्पादन के बिल्कुल अनुकूल बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि यह किस्म में विश्वविद्यालय की सिफारिशों के अनुसार बिजाई करके उचित खाद, उर्वरक व पानी दिया जाए तो इसकी औसतन पैदावार 75.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है, अधिकतम पैदावार 91.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ली जा सकती है। इस किस्म की खास बात यह है कि गेहूं की मुख्य बीमारियां पीला रतवा व भूरा रतवा के प्रति रोग रोधी है। इसके अलावा गेहूं के प्रमुख क्षेत्रों में प्रचलित मुख्य बीमारियां जैसे पत्ता अंगमारी, सफेद चुर्णी व पत्तियों की कांग्यिारी के प्रति भी रोगरोधी है। यह किस्म 156 दिन तक पककर तैयार हो जाती है। इसकी औसत ऊंचाई भी 100 सेंटीमीटर तक होती है, जिसके कारण यह खेत में गिरती नहीं।
गेंहू की डब्ल्यूएच 1270 उन्नत किस्म को विकसित करने में उनके साथ डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. एसके सेठी, डॉ. एसएस ढांडा, डॉ. दिव्या फोगाट, डॉ. एमएस दलाल, डॉ. सोमवीर, डॉ. आईएस पंवार, डॉ. एके छाबड़ा, डॉ. योगेंद्र कुमार, डॉ. केडी सहरावत, डॉ. मुकेश सैनी, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. कृष्ण कुमार, का भी विशेष सहयोग रहा।
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