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हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कार्यशाला का आयोजन
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित दो दिवसीय कृषि अधिकारी कार्यशाला के उद्घाटन मौके पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने कहा कि कृषि अधिकारी किसानों को अधिक उत्पादन देने वाली नई किस्मों की बिजाई के लिए प्रेरित करें। रबी सीजन के लिए गेंहू, सरसों सहित अन्य फसलों के उन्नत किस्मों के बीजों बारे में जागरूक करें। विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की गई गेंहू की अत्याधिक पैदावार देने वाली डब्ल्यूएच 1270, डब्ल्यूएच 1402, डब्ल्यूएच 1309 तथा सरसों की आरएच 1975, आरएच 725, आरएच 1424 तथा आरएच 1706 की जानकारी दें।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने विस्तार शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में पुस्तिका का विमोचन भी किया। दो दिवसीय कार्यशाला में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक तथा प्रदेश के कृषि और किसान कल्याण विभाग के सभी जिलों से कृषि अधिकारी भाग ले रहे हैं।
कुलपति प्रो बीआर काम्बोज ने कहा कि देश के खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का श्रेय देश के किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और नीति निर्धारकों को जाता है। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। किसानों को अनाज उत्पादन में बढ़ोतरी एवं अपनी आय में वृद्धि करने के लिए परम्परागत फसलों के साथ-साथ तिलहनी एवं दलहनी फसलों को प्राथमिकता देनी होगी। किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के लिए कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित होना जरूरी है।
रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का सीमित मात्रा में प्रयोग करने के साथ-साथ उपयुक्त फसल चक्र को भी अपनाना चाहिए। हमें जैव उर्वरकों की तरफ बढऩा होगा जोकि पौधों को प्राकृतिक तौर पर पोषक तत्व उपलब्ध करवा सकते हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति को बनायें रखने में मदद करते हैं।
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने बताया कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं कृषि विभाग की ओर से लगवाए गए अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, तकनीकी प्रदर्शन प्रक्षेत्र के आकड़ों की जानकारी दी। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने अनुसंधान परियोजनाओं व विश्वविद्यालय की नवीनतम तकनीकों पर चल रहे शोध कार्यो के बारे में बताया।
कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आर.एस. सोलंकी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, भावान्तर भरपाई योजना, मेरा पानी-मेरी विरासत, हर खेत स्वस्थ खेत, तथा मेरी फसल मेरा ब्योरा योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। विस्तार शिक्षा निदेशालय के सह-निदेशक डॉ. सुनील ढांडा ने मंच का संचालन किया।
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