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रेवाड़ी: एम्सा के बावजूद डॉक्टरों की हड़ताल जारी, 11 को दिए नोटिस
हरियाणा में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू होने के बावजूद डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही। जिले के सरकारी अस्पतालों में कुल 114 सरकारी डॉक्टरों में से केवल 30 ही अपनी ड्यूटी पर मौजूद रहे, जबकि शेष सभी हड़ताल पर चल रहे हैं। हाल ही में नई भर्ती के तहत रेवाड़ी को 11 प्रोबेशनरी डॉक्टर मिले थे, लेकिन वे सभी भी इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन 11 हड़ताली डॉक्टरों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि यदि वे जल्द काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की जिला प्रधान डॉ. सुधा यादव ने कहा कि डॉक्टरों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं। ऐसे नोटिस तो जारी होते रहते हैं, हम सभी साथ हैं। सिविल सर्जन ऐसे नोटिस नहीं जारी कर सकते और ना ही उन्हे टर्मिनेट करने की पावर है। उन्होंने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होगी हड़ताल जारी रहेगी।
तीसरे दिन ओपीडी में हुई बढ़ोतरी:
यूं तो हड़ताल के तीसरे दिन भी नागरिक अस्पताल परिसर खाली नजर आया, लेकिन पिछले दो दिनों के मुकाबले बुधवार को ओपीडी 1166 से बढ़कर 1254 पर पहुंच गई। नागरिक अस्पताल में आमदिनों में ओपीडी 1800 के करीब तक पहुंच जाती है। जिले के नागरिक अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 144 सरकारी चिकित्सकों में से 114 हड़ताल पर है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, बुधवार को हड़ताल के दौरान कुल 1,254 ओपीडी सेवाएं प्रदान की गईं। इसी प्रकार मातृत्व विभाग में भी सेवाएं जारी रहीं, जिसमें नॉर्मल डिलीवरी 2 दर्ज की गईं। इस दौरान अस्पताल में 14 इन-पेशेंट (आईपीडी) भर्ती रहे और 124 के एक्स-रे हुए।
बाहर से बुलाए चिकित्सकों से चलाया जा रहा काम:
बुधवार को भी सरकारी अस्पतालों में बाहर से बुलाए चिकित्सकों से काम चलाया गया। अस्पताल में आने वाले मरीजों को भले चिकित्सक परामर्श देकर दवाई लिख रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक और पहले से देख रहे चिकित्सकों के नहीं मिलने पर मरीज मायूस हैं। गुरुग्राम एसजीटी मेडिकल कालेज, रोहतक पीजीआई और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत नेशनल हेल्थ मिशन और सामुदायिक हेल्थ अफसर ने मरीजों को देखकर दवाई लिखी। ट्रामा सेंटर में एमएलआर और आपातकालीन मरीजों को देखने के लिए भी चिकित्सकों की टीम उपलब्ध रही। विभिन्न बीमारियों के मरीजों को नए चिकित्सकों को दिखाना पड़ रहा है। सरकार और अधिकारी हड़ताल बेअसर होने का दावा कर रहे हैं। मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने देने तथा पहले की तरह स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू होने की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे रहे हैं। वहीं जो मरीज पहले से जिस चिकित्सक से उपचार करा रहे थे उनके लिए नए चिकित्सकों की दवाई खानी पड़ रही है।
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