{"_id":"6926e5b6ff6e0b3427084d6b","slug":"video-bilaspur-organizations-in-bilaspur-raised-voice-against-anti-farmer-and-anti-labor-policies-2025-11-26","type":"video","status":"publish","title_hn":"Bilaspur: किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बिलासपुर में गूंजे संगठन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bilaspur: किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बिलासपुर में गूंजे संगठन
केंद्र सरकार की कथित किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जिला मुख्यालय पर बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया गया। सीटू जिला कमेटी और हिमाचल किसान सभा के संयुक्त आह्वान पर सैकड़ों किसान और मजदूर परिधि गृह चौक से उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संगठनों ने उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इसमें प्रदर्शनकारियों ने 26 नवंबर 2020 के किसान आंदोलन को याद करते हुए कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष ऐतिहासिक रहा है, जिसमें सैकड़ों किसानों ने शहादत दी। कहा कि जिस तरह तब संसद से काले कानून पारित किए गए थे, उसी तरह आज भी सरकार बिना चर्चा के नीतियां थोप रही है। संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने 29 पुराने श्रम कानून खत्म कर 4 नई श्रम संहिताएं लागू की हैं, जो मजदूरों के हक छीनने वाली हैं। 300 से कम कर्मचारियों वाली इकाइयों में मजदूरों की छंटनी के लिए सरकार से अनुमति नहीं लेगी होगी,इस तरह की इकाइयों में यूनियन का गठन नहीं होगा, 8 घंटे की जगह 12 घंटे की ड्यूटी का प्रावधान,ओवर टाइम नहीं मिलेगा, अस्थायी व निश्चित अवधि की भर्ती बढ़ने से नौकरी की सुरक्षा खत्म,विरोध-हड़ताल पर सख्त पाबंदियां और कानूनी कार्रवाई का खतरा लगातर बना हुआ है। कहा कि यह मजदूरों पर सीधा हमला है। रैली में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर और मिड-डे-मील वर्करों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया गया। नेताओं ने कहा कि स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, बेहतर वेतन और सामाजिक सुरक्षा मिले। प्रदर्शन को सीटू जिला सचिव विजय शर्मा, राजेश, इंद्रवती,अनु शर्मा,लखनपाल,प्रोमिला,सुषमा, शुभम,मंगल सिंह,प्रदीप ठाकुर,बलवीर,अमृत लाल,रविंद्र,सूरज,राजकुमार,संजीव कुमार,सुभाष,नसीब चंद,डॉ. धर्मपाल,कुलवंत पाठक और धर्मेंद्र रावत एडवोकेट सहित कई नेताओं ने संबोधित किया। अंत में संगठनों ने चेताया कि यदि नीतियां वापस नहीं ली गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की कि मजदूरों के हित के लिए मजदूर विरोधी नीतियों को खत्म किया जाए।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।