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VIDEO : नूरपुर में है संसार का एकमात्र ऐसा मंदिर जहां एक साथ विराजमान हैं कृष्ण-मीरा की मूर्तियां
नूरपुर के एतिहासिक एवं प्राचीन किला मैदान में स्थित भगवान श्री बृजराज स्वामी जी का मंदिर क्षेत्रवासियों की प्रमुख आस्था का केंद्र है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है यहां भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा नहीं अपितु मीरा बाई की मूर्ति स्थापित है। यह दोनों प्रतिमाएं ऐसी लगती हैं मानों आपके सामने साक्षात भगवान श्री कृष्ण व मीरा बाई स्वंय खड़े हों। प्रेम व आस्था के संगम के प्रतीक इस मंदिर का नूर जन्माष्टमी को छलक उठता है। वैसे तो साल भर दूर दूर से श्रदालु भगवान श्री बृजराज स्वामी जी के दर्शन करने नूरपुर आते हैं लेकिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर इस ऐतिहासिक मंदिर में रौनक देखते ही बनती है। जहां दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग मंदिर में शीश नवाते है। नूरपुर को प्राचीनकाल में धमेड़ी के नाम से जाना जाता था। बेगम नूरजंहा के यहां आगमन के बाद इसका नाम बेगम के नाम पर नूरपुर पड़ा। इस मंदिर के इतिहास के साथ एक रोचक कथा जुड़ी हुई है। यह उस समय की बात है ( 1629 से 1624 ई.) जब नूरपुर के राजा जगत सिंह अपने राज पुरोहित के साथ चितौडग़ढ के राजा के निमंत्रण पर वहां गए। राजा जगत सिंह व उनके पुरोहित को रात्रि विश्राम के लिए जो महल दिया, उसके बगल में एक मंदिर था। जहां रात के समय राजा को उस मंदिर से घुंघरूओं तथा संगीत की आवाजें सुनाई दी। राजा ने जब मंदिर में बाहर से झांक कर देखा तो एक औरत कमरे में श्रीकृष्ण की मूर्ति के सामने भजन गाते हुए नाच रही थी। राजा ने सारी बात राज पुरोहित को सुनाई। पुरोहित ने भी वापिसी पर राजा (चितौडग़ढ़) से इन मूर्तियों को उपहार स्वरूप मांग लेने का सुझाव दिया। क्योंकि श्री कृष्ण व मीरा की यह मूर्तियां साक्षात हैं। जगत सिंह ने पुरोहित बताए अनुसार वैसा ही किया व चितौडग़ढ़ के राजा से भगवान श्री कृष्ण व मीरा की मूर्तियां उपहार स्वरूप मांग ली | चितौड़गढ़ के राजा ने भी खुशी-खुशी यह मूर्तियां व साथ में मौलश्री का पेड़ नूरपुर के राजा जगत सिंह को उपहार स्वरूप दे दिया। तदोपरांत नूरपुर के राजा जगत सिंह ने अपने दरबार-ए-खास को मंदिर का रूप देकर इन मूर्तियों को वंहा पर स्थापित कर दिया। राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी श्रीकृष्ण व अष्टधातु से बनी मीरा की मूर्ति आज भी नूरपुर के इस ऐतिहासिक श्री बृजराज स्वामी मंदिर में शोभायमान है। मंदिर की भित्तिकाओं पर कृष्ण लीलाओं का चित्रण दर्शनीय है। नूरपुर क्षेत्र के लोग आज भी हर शुभ कार्य भगवान श्री बृजराज स्वामी का आशीर्वाद लेकर ही शुरु करते है|
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