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Mandi: रविकांत बोले- देश की सत्ता अधिकारों पर कर रही हमला, संविधान को कमजोर करने की कोशिशें जारी
बालीचौकी में शोषण मुक्ति मंच का अधिवेशन शुक्रवार को संपन्न हुआ। अधिवेशन का उद्घाटन शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक रविकांत ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज समाज का हर वर्ग किसी न किसी रूप में शोषण का शिकार है और सबसे अधिक उत्पीड़न जाति आधारित भेदभाव का सामना कर रही दलित समुदाय को झेलना पड़ रहा है। कहा कि संविधान लागू होने के लगभग 75 वर्ष बाद भी जातीय भेदभाव समाज से समाप्त नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि देश की सत्ता लगातार लोगों के अधिकारों पर हमला कर रही है और संविधान को कमजोर करने की कोशिशें जारी हैं। हिमाचल प्रदेश में भी जाति आधारित उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिनमें शिमला के रोहड़ू और कुल्लू जिले के सैंज की घटनाएं ताजा उदाहरण हैं। अधिवेशन में किसान सभा राज्य कमेटी सदस्य महेंद्र राणा ने कहा कि जातीय उत्पीड़न की जड़ें देश में मौजूद सामंतवाद और पूंजीवाद के गठजोड़ में गहराई से बसी हैं। कहा कि आज भी जाति और धर्म के आधार पर शोषण जारी है, जबकि राष्ट्र मुक्ति आंदोलन के दौरान लाखों लोगों ने समानता आधारित समाज के निर्माण के लिए बलिदान दिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की दो प्रमुख पूंजीपति भूस्वामी पार्टियां इस व्यवस्था को बनाए रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि शोषण आधारित इस व्यवस्था को तभी समाप्त किया जा सकता है जब समाज का हर वर्ग संगठित होकर संघर्ष करे। इसलिए उन्होंने शोषण मुक्ति मंच के माध्यम से व्यापक एकजुटता कायम करने का आह्वान किया। अधिवेशन में 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया, जिसमें इंद्र सिंह को संयोजक और इंद्र सिंह राणा को सह संयोजक चुना गया। इसके बाद पूरे बालीचौकी क्षेत्र को विभिन्न जोनों में विभाजित किया गया और तय किया गया कि प्रत्येक जोन में आगामी दिनों में बैठकें आयोजित कर शोषण मुक्ति मंच की संरचना गठित की जाएगी।
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