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Sirmour: तालाब में गंदगी, मर रही मछलियां, लाखों रुपये का फव्वारा बना शोपीस
नाहन शहर की ऐतिहासिक धरोहर पक्का टैंक के सौंदर्य को ग्रहण लगा हुआ है। यहां बने रियासतकालीन तालाब में जहां गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, वहीं इस क्षेत्र में अर्से पहले लगाई गई सजावटी लाइटें भी टूटी-फूटी बदहाल दशा में अर्से से बंद पड़ी हुई हैं। तालाब में गंदगी होने से जहां यहां पल रही मछलियां लगातार मर रही हैं, वहीं सजावटी लाइटों के खराब होने से यह पूरा क्षेत्र सांझ होते ही अंधेरे में डूब जाता है। इस अंधेरे का नशेड़ी भी जमकर लाभ उठा रहे हैं। नगर परिषद एक साल से सजावटी लाइटों की मरम्मत करने का राग आलाप रही है, लेकिन धरातल पर कार्य ठप है। इस ऐतिहासिक धरोहर की सुध न लिए जाने से शहर के लोगों को नगर परिषद के प्रति रोष पनपा हुआ है। नगर परिषद की अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने बताया कि समय-समय पर तालाब की सफाई की जाती है। इसे फिर से साफ करवा दिया जाएगा। पक्का टैंक परिसर में लगी लाइटों की मरम्मत के लिए टैंडर प्रक्रिया जारी है।
1. पानी में कचरा, मर रही मछलियां, फव्वारा शोपीस
वरिष्ठ नागरिक किशन कुंडलस ने कहा कि तालाब की सफाई कब हुई थी, ये अब याद भी नहीं है। पानी में गंदगी की भरमार है, मछलियां मर रही हैं। यहां तालाब में लाखों रुयये से लगाया फव्वारा भी शोपीस ही बना हुआ है।
2. सजावटी लाइटें दो साल से खराब
पक्का टैंक निवासी सुखदेव शर्मा ने कहा कि तालाब के चारों ओर लगाई सजावटी लाइटें तीन साल से टूटी पड़ी हैं। इस कारण शाम होते ही यहां अंधेरा पसर जाता है। नगर परिषद इसकी सुध नहीं ले रही।
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3. सजावटी लाइटें शोपीस और सफाई भी ढंग की नहीं
वरिष्ठजन रमेश चंद अरोड़ा ने कहा कि तालाब की हालत बहुत खराब है, यहां गंदगी फैलाई जा रही है। पक्का टैंक की सफाई भी ढंग से नहीं की जा रही है। सजावटी लाइटें भी महज शोपीस बनी हुई है। रात को यहां पर नशेडिय़ों की भी डेरा लगा रहता है।
3. ऐतिहासिक जगहों की अनदेखी ठीक नहीं
रानीताल निवासी मासूम अली ने कहा कि विकास कार्यो को अंजाम तो दिया जाता है, लेकिन बाद में उसकी देख-रेख को कोई प्रावधान नहीं होता। शहर के पार्क भी उजाड़ हो गए हैं। ऐतिहासिक जगहों की अनदेखी ठीक नहीं है। नगर परिषद को इसके सौंदर्यकरण पर ध्यान देकर लाइटें ठीक करवानी चाहिए।
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