{"_id":"687cd2dd4be6f4ff410cfa3f","slug":"video-una-gram-sabha-organised-in-panchayat-bhaira-villagers-furious-over-bpl-survey-2025-07-20","type":"video","status":"publish","title_hn":"Una: पंचायत भैरा में ग्राम सभा का आयोजन, बीपीएल सर्वे को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Una: पंचायत भैरा में ग्राम सभा का आयोजन, बीपीएल सर्वे को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष
उपमंडल अंब के तहत पंचायत भैरा में आज ग्राम सभा का आयोजन किया गया जिसमें पंचायत प्रतिनिधियों, सदस्यों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। ग्राम सभा में पंचायत सचिव जरनैल सिंह द्वारा पंचायत क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी गई तथा बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सर्वे के ताज़ा निष्कर्षों से ग्रामीणों को अवगत कराया गया। पंचायत सचिव ने बताया कि सरकार की नई गाइडलाइनों के तहत हुए बीपीएल सर्वेक्षण में पंचायत भैरा से केवल एक व्यक्ति को ही बीपीएल श्रेणी में पात्र पाया गया है। जबकि इससे पहले लगभग 100 परिवार इस सूची में शामिल थे। इस नई सूची को सुनकर ग्रामीणों में भारी असंतोष देखने को मिला। ग्राम सभा में उपस्थित ग्रामीणों ने सरकार की नई बीपीएल नीति को गरीब विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत भी गांव के सभी जरूरतमंदों को साल में 100 दिन का रोजगार नहीं मिल पाता, ऐसे में सिर्फ पक्का कमरा या बिजली कनेक्शन होने मात्र से किसी गरीब को ‘अमीर’ मान लेना नाइंसाफी है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि कोई मजदूर कर्ज लेकर एक कमरा बनाता है, तो उससे उसकी गरीबी खत्म नहीं हो जाती। ग्रामीणों ने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि बीपीएल सर्वे पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा तो किया गया, लेकिन पंचायत सदस्यों और प्रधान को इसमें शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गांव की वास्तविक सामाजिक-आर्थिक स्थिति की जानकारी पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सबसे बेहतर होती है। ऐसे में उन्हें सर्वे से बाहर रखना पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। बीपीएल सर्वे में पंचायत प्रतिनिधियों की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जरूरतमंदों की पहचान के लिए स्थानीय परिस्थितियों और रोजगार की वास्तविक स्थिति को आधार बनाया जाए,सरकार अपनी नई बीपीएल नीति पर पुनर्विचार करे, जिन लोगों की सूची से नाम हटाए गए हैं, उन्हें अपील का स्पष्ट और पारदर्शी अवसर दिया जाए। ग्राम पंचायत भैरा की प्रधान अंजना ढिल्लों का कहना है कि सरकार की बीपीएल के प्रति नई गाइडलाइंस गरीबों के साथ सरासर अन्याय है सरकार को 100 दिन मनरेगा के काम की सीमा कम करनी चाहिए और जिनका एक कमरा पक्का है उस शर्त को भी हटाना चाहिए सरकार की नई गाइडलाइंस के अनुसार सबके कार्ड बीपीएल के काटे जा रहे हैं जिससे लोगों में भारी रोष हैइस अवसर पर पंचायत प्रधान अंजना ढिल्लो, उपप्रधान सुरेंद्र सिंह, ऑब्जर्वर अशोक कुमार, वार्ड पंच बक्शीश सिंह, सुमन लता, शशि बाला, अंजू बाला, श्यामा देवी, संदेश कुमार, जीवन कुमार व पूर्व उपप्रधान गुरदयाल सिंह ढिल्लों सहित अनेक पंचायत सदस्य, ग्रामीण महिलाएं व बुजुर्ग उपस्थित रहे। ग्राम सभा में आम सहमति से यह भी प्रस्ताव रखा गया कि भविष्य में किसी भी सरकारी सर्वे या योजना के क्रियान्वयन में पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचे।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।