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VIDEO : Various organizations are angry over the removal of Dr. Bhim Rao Ambedkar's statue from the premises of the old Parliament House
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VIDEO : पुराने संसद भवन के परिसर से डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा हटाए जाने से विभिन्न संगठनों में रोष
पुराने संसद भवन के परिसर से भारत के संविधान निर्माता एवं पहले कानून मंत्री भारत रत्न डॉ. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा हटाए जाने से विभिन्न संगठनों में रोष है। प्रतिमा को दोबारा स्थापित करने की मांग को लेकर संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूप से उपायुक्त ऊना के माध्यम से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रेषित ज्ञापन एसी टू डीसी को सौंपा। प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे हिमाचल प्रदेश श्री गुरु रविदास महासभा ऊना इकाई की अध्यक्षा शकूंतला संधू, महासचिव बलदेव चंद, पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता नरेश कुमार सैंसोवाल, महर्षि वाल्मीकि गुरु रविदास महासभा के अध्यक्ष अमित कुमार वाल्मीकि, सरदार रूड़का सिंह कल्याण समिति पंजावर के प्रधान बलवीर सिंह व हरि चंद संधू आदि ने बताया कि भारत के पुराने संसद भवन में भारत रत्न डॉ. बीआर आंबेडकर की प्रतिमा को हटा दिया गया है। इसे दोबारा स्थापित करने की मांग को लेकर अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों की एक बैठक एमसी पार्क ऊना में वीरवार को हुई। इसमें भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किए गए। जिसमें निंदा की गई है कि आखिर प्रथम कानून मंत्री एवं भारत रतन की प्रतिमा किस सोच के तहत वहां से हटाई गई है। एडवोकेट नरेश कुमार ने कहा कि वैश्विक स्तर पर यहां आज कई देश बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमाओं को स्थापित कर अपने आप को गोरवांवित समझता है। दूसरी ओर इस देश में उनकी प्रतिमा को उस पुराने संसद भवन से हटाया गया। यहां से उन्होंने इस देश में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक संविधान दिया वहां से उनकी प्रतिमा हटाना निंदनीय है। उनकी प्रतिमा को तत्काल प्रभाव से वहां स्थापित किया जाए। इस दौरान खड्ड के उप प्रधान रविंद्र, यश, रमेश चंद सहित कई गण्यमान्य मौजूद रहे।
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