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Amit Shah Language Controversy: Amit Shah's big statement on Hindi language amid language controversy
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Amit Shah Language Controversy: भाषा विवाद के बीच हिंदी भाषा को लेकर Amit Shah का बड़ा बयान
वीडियो डेस्क अमर उजाला Published by: आकाश शर्मा Updated Thu, 26 Jun 2025 04:38 PM IST
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गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार के राजभाषा विभाग की स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया। उन्होंने कहा कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की विरोधी नहीं है, बल्कि सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है। शाह ने कहा कि किसी भी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में सोचने, बोलने के साथ-साथ अभिव्यक्त करने की भावना को प्रोत्साहित करना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) पिछले दिनों भाषा विवाद (Language Controversy) में फंस गए थे. इस बीच अमित शाह ने हिंदी भाषा पर बात की है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...पिछले कुछ दशकों में भाषा का इस्तेमाल भारत को बांटने के साधन के रूप में किया गया। वे इसे तोड़ नहीं पाए, लेकिन प्रयास किए गए। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी भाषाएं भारत को एकजुट करने का सशक्त माध्यम बनें.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "किसी भाषा का विरोध नहीं है, किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के गौरव का होना चाहिए, आग्रह अपनी भाषा बोलने का होना चाहिए, आग्रह अपनी भाषा में सोचने का होना चाहिए। हमें गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए। और जब तक व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा, अपनी भाषा में अपनी बात नहीं कहेगा, तब तक हम गुलामी की मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकते..."
शाह ने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा और इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा प्रदान करने की पहल करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस दिशा में राज्यों को हरसंभव सहयोग देगी। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रशासनिक कार्यों में भारतीय भाषाओं का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।
हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच प्रतिस्पर्धा को लेकर अमित शाह ने कहा, भाषाएं मिलकर देश के सांस्कृतिक आत्मगौरव को ऊंचाई तक ले जा सकती हैं। उन्होंने मानसिक गुलामी की भावना से मुक्ति पाने पर जोर दिया। शाह ने कहा कि जब तक कोई व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व महसूस नहीं करता और खुद को उसी भाषा में अभिव्यक्त नहीं करता, तब तक वह पूरी तरह आजाद नहीं हो सकता।
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