रेलवे मंत्रालय 1 जुलाई 2025 से मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी और नॉन-एसी क्लास का किराया बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, नॉन-एसी (स्लीपर, सेकंड सीटिंग आदि) श्रेणियों में 1 पैसा और सभी एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाया जा सकता है। मामले में एक रेलवे अधिकारी ने कहा, 2020 और 2013 में हुई पिछली किराया बढ़ोतरी की तुलना में यह वृद्धि सबसे कम होगी। जबकि स्लीपर क्लास की यात्राओं में मामूली इजाफा होगा।
मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में नॉन-एसी श्रेणी का किराया 1 पैसा प्रति किलोमीटर बढ़ाया जाएगा। सभी एसी क्लास (AC प्रथम, द्वितीय, तृतीय) के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी।
500 किलोमीटर तक कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। 500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर आधा पैसा प्रति किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं सबअर्बन ट्रेनों की, मासिक पास और रोजाना यात्रा करने वालों की सुविधा को देखते हुए इनका किराया नहीं बढ़ेगा।
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि 2020 और 2013 में पिछले किराया संशोधन की तुलना में मौजूदा बढ़ोतरी सबसे कम होगी। इससे पहले 1 जनवरी 2020 को प्रति किमी के आधार पर ट्रेन का किराया बढ़ाया गया था। तब साधारण और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए द्वितीय श्रेणी का किराया क्रमशः 1 पैसे और 2 पैसे बढ़ाया गया था, जबकि स्लीपर क्लास और सभी एसी श्रेणियों का किराया क्रमशः 2 पैसे और 4 पैसे बढ़ा था।
2020 से पहले, 2013 में सभी वर्गों के किराये में काफी संशोधन किया गया था। उदाहरण के लिए, तब साधारण ट्रेनों के लिए द्वितीय श्रेणी का किराया 2 पैसे बढ़ा था, वहीं एक्सप्रेस/मेल ट्रेनों के लिए द्वितीय श्रेणी का किराया 4 पैसे बढ़ा था। इसके अलावा, स्लीपर क्लास का किराया 6 पैसे बढ़ाया गया था। 2013 में एसी-2 को छोड़कर सभी श्रेणियों के किराये में 10 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी, जबकि एसी-2 का किराया 6 पैसे प्रति किमी बढ़ाया गया था।