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Aravalli Hills Row: What decision did the Supreme Court give on Aravalli? | Amar Ujala | SC
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Aravalli Hills Row: अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया? | Amar Ujala | SC
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: तन्मय बरनवाल Updated Mon, 29 Dec 2025 02:18 PM IST
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अरावली को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई इस बीच SC ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षित इलाकों में खनन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. खबरों की मानें तो बड़ा निर्णय लेते हुए अपने ही पिछले आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने 20 नवंबर के उस फैसले को स्थगित कर दिया, जिसमें अरावली की परिभाषा को केवल उन भू-आकृतिक संरचनाओं तक सीमित कर दिया गया था जो आसपास की भूमि से कम से कम 100 मीटर ऊंची हों। इस फैसले के बाद अब अरावली की वास्तविक परिभाषा और संरक्षण से जुड़े व्यापक मुद्दों पर दोबारा विचार होगा। सोमवार को अवकाश पीठ में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को मिलाकर एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का प्रस्ताव भी रखा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है। इस बीच कोर्ट ने साफ कर दिया कि किसी भी नई माइनिंग लीज या ठेके की अनुमति नहीं दी जाएगी. यानी अब अरावली की पहाड़ियों में नया खनन कार्य शुरू करने की इजाजत फिलहाल किसी को नहीं मिलेगी. कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ-साथ राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली सरकारों को नोटिस जारी किया है. इस बीच सभी पक्षों से भी जवाब मांगा गया है. ऐसे में मामला चर्चा में है। विवाद की जड़ केंद्र सरकार का वह तर्क है, जिसमें 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को अरावली श्रृंखला से बाहर रखा गया है. सरकार का मकसद इन इलाकों में खनन को आसान बनाना था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट रुख है कि ऊंचाई चाहे कितनी भी हो, पहाड़ी अरावली का अभिन्न हिस्सा है. सरकार अपनी मर्जी से परिभाषा बदलकर नियम शिथिल नहीं कर सकती. खबरों की मानें तो आज सुनवाई के बीच कोर्ट ने एक नई समिति बनाने का आदेश दिया है, जो अरावली की सटीक सीमाएं और संरक्षित क्षेत्र तय करेगी.बता दें कि इस अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर विगत 24 दिसंबर को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नए निर्देश जारी किए थे। इनमें केंद्र सरकार ने कहा है कि नए खनन के लिए मंजूरी देने पर रोक संपूर्ण अरावली क्षेत्र पर लागू रहेगी। इसका उद्देश्य अरावली रेंज की अखंडता को बचाए रखना है। इन निर्देशों का लक्ष्य गुजरात से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैली एक सतत भूवैज्ञानिक शृंखला के रूप में अरावली का संरक्षण करना और सभी अनियमित खनन गतिविधियों को रोकना है।
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