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दिल्ली-NCR समेत इन राज्यों में मॉनसून देगा दस्तक, IMD ने जारी किया अलर्ट
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 21 Jun 2025 11:28 AM IST
देशभर में मानसून ने धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है। हिमाचल प्रदेश और लद्दाख तक मानसून की बारिश पहुंच चुकी है। अब केवल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ही ऐसे क्षेत्र बचे हैं, जहां दक्षिण-पश्चिम मानसून का आधिकारिक तौर पर आगमन नहीं हुआ है। लेकिन वहां भी बारिश ने दस्तक दे दी है और कई स्थानों पर तेज बौछारों ने मौसम सुहाना बना दिया है।
मौसम की इस राहत के साथ तबाही का दृश्य भी सामने आ रहा है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी में बिजली गिरने से चार बच्चों की जान चली गई, जबकि छत्तीसगढ़ के सरगुजा में उफनती नदी में चार लोग बह गए। उधर हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के चलते कई रास्ते बंद हो गए हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार को पुष्टि की कि मानसून लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों तक पहुंच चुका है। इसके साथ ही बिहार, मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकांश इलाकों में भी इसका विस्तार हो चुका है। अगले दो दिनों में मानसून दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर तक भी पहुंच सकता है।
हिमाचल में मानसून की तेज बारिश ने कई जगहों पर भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी है। धर्मशाला-चतरो-गग्गल मार्ग, मंडी-मनाली रोड और कई अन्य रास्तों पर मलबा आने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। सुंदरनगर, नाहन और शिमला जैसे शहरों में तेज बारिश से जलभराव की स्थिति बन गई है। नाहन में 84.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। बजौरा में तेज हवाएं 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं।
कौशांबी जिले में शुक्रवार को दो अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में चार मासूम बच्चों की मौत हो गई। पहली घटना सराय अकिल इलाके में हुई, जहां चार बच्चे घास काट रहे थे। अचानक बिजली गिरी और दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से झुलसे हुए बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दूसरी दुखद घटना तारा का पुरा गांव में हुई, जहां 15 वर्षीय गोविंद की मौके पर मौत हो गई। वहीं, 12 साल की रूपा को इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही उसने दम तोड़ दिया। बिजली गिरने की घटनाएं मानसून के शुरुआती दौर में सबसे खतरनाक होती हैं, और बच्चों की ऐसी मौतों ने पूरे गांव में मातम फैला दिया है।
सरगुजा जिले में भारी बारिश के कारण मैनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया था। इसी दौरान दो बच्चों समेत चार लोग नदी पार करते वक्त बह गए। प्रशासन की ओर से बचाव कार्य जारी है, लेकिन अब तक किसी का भी सुराग नहीं लग पाया है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो इस इलाके में नदी के पास कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, जिससे यह हादसा हुआ।
बारिश के साथ जुड़ी यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि प्राकृतिक आपदाएं अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा जानलेवा बन जाती हैं, जहां समय रहते चेतावनी या बचाव नहीं हो पाता।
दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में भी पहुंच चुका है। शुक्रवार को भीलवाड़ा के बिजोलिया में सबसे अधिक 114 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जयपुर के फुलेरा, कोटा के रामगंजमंडी और भीलवाड़ा के शाहपुर में भी 110 मिमी वर्षा हुई।
पूर्वोत्तर राजस्थान में एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवाती प्रणाली सक्रिय है, जिसके चलते आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। जयपुर, कोटा, अलवर और अजमेर में जलभराव से ट्रैफिक बाधित हुआ।
पूर्वोत्तर भारत में अगले सात दिनों तक लगातार भारी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने आसाम, मेघालय, अरुणाचल और नागालैंड जैसे राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, बिहार और झारखंड में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण बिहार तक सक्रिय हो गया है, जिससे पटना, गया, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में मूसलाधार वर्षा दर्ज की गई।
हालांकि अभी तक मानसून का आधिकारिक आगमन इन राज्यों में नहीं हुआ है, लेकिन पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में शुक्रवार को अच्छी बारिश दर्ज की गई। चंडीगढ़ में सुबह 9.7 मिमी वर्षा हुई। हरियाणा के रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद, और पंजाब के पठानकोट, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब में तेज बौछारों ने मौसम को सुहाना बना दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, इन राज्यों में 25 जून तक हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
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