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Nepal Protest News: Youth's anger erupted against Nepal government, this is the reason | Gen Z Protest
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Nepal Protest News: नेपाल सरकार पर फूटा युवाओं का गुस्सा, ये है वजह | Gen Z Protest
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Tue, 09 Sep 2025 12:52 AM IST
नेपाल सरकार द्वारा सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में सोमवार को युवाओं के नेतृत्व में यहां हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक लोग घायल हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को सेना को तैनात करना पड़ा। काठमांडू में संसद भवन के सामने ‘जेन ज़ी’ के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवाओं की दंगा-रोधी पुलिस के साथ झड़प हुई।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ आंदोलनकारी संसद परिसर में घुस गए, इसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ी, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का सहारा लेना पड़ा। सराकर ने बुटवल, भैरहवा और पोखरा समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं नेपाल में चल रहे इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय सुरक्षाबलों ने सीमा पर निगरानी कड़ी कर दी है।
नेपाल पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों समेत 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं और उनका काठमांडू के सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हिंसा में 14 लोग मारे गए। हालांकि पुलिस ने मृतकों की संख्या के बारे में कोई पुष्टि नहीं की है। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।स्थानीय प्रशासन ने बाद में ये प्रतिबंधात्मक आदेश राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भी लागू कर दिए। नेपाल सरकार ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया था।सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध उन्हें विनियमित करने के लिए लगाया गया है, लेकिन आम जनता में धारणा यह है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा और सेंसरशिप की नौबत आ सकती है। बताया गया कि सोमवार सुबह 9 बजे से प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में एकत्रित होने लगे। हाल के दिनों में 'नेपो किड' और 'नेपो बेबीज' जैसे हैशटैग ऑनलाइन ट्रेंड कर रहे हैं। सरकार की ओर से अपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के फैसले के बाद इसमें और तेजी आई है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, 'हामी नेपाल' ने इस रैली का आयोजन किया था। इसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।
पाल सरकार की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध 2023 में सोशल नेटवर्क प्रबंधन के लिए बनाए गए कुछ नियमों के आधार पर लगाया गया। इन नियमों के मुताबिक, नेपाल में संचालित होने वाले सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपना स्थानीय संपर्क केंद्र स्थापित करना था, अपने प्लेटफॉर्म्स को सरकार के पास पंजीकृत कराना था। लोगों की समस्याओं का निवारण करने के लिए शिकायत निवारक की नियुक्ति करना था और स्व-नियमन प्रणाली स्थापित करनी थी।
इसे लेकर नेपाल की सरकार सोशल नेटवर्क विधेयक लेकर आई थी। इस साल की शुरुआत में इसे संसद में पेश भी किया गया। विधेयक में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लाइसेंस लेकर संचालन करने की अनुमति से जुड़ा प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा सरकार को किसी भी प्लेटफॉर्म के आवेदन को राष्ट्रीय सुरक्षा, शांति, स्वायत्तता और राष्ट्रीय हित के मुद्दे पर नकारने का भी अधिकार दिया गया है।
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