विश्व प्रसिद्ध मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में ठंड ने इस बार समय से पहले ही दस्तक दे दी है। हिल स्टेशन पर तापमान लगातार गिरते हुए न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसके कारण रात भर पाला जमा और शनिवार की सुबह जमीन पर बर्फ की तरह सफेद परत दिखाई दी। सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है, जिससे स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
जमीन पर सफेद परत और वादियों में घना कोहरा
रात भर जमे पाले ने सुबह अमरकंटक की वादियों को एक अलग ही रूप दे दिया। जमीन पर जमी सफेद परत और नर्मदा नदी के आसपास छाए घने कोहरे ने पूरी घाटी को मनमोहक बना दिया। हल्की धूप निकलते ही मौसम सुहाना हो गया और पर्यटकों ने इस अद्भुत दृश्य को अपने कैमरों में कैद किया। यह इस वर्ष का पहला पाला है, जिसने लोगों में उत्साह बढ़ाया है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण, स्थानीयों के लिए परेशानी
सर्दियों में अमरकंटक की ठंड पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है, जिससे इस मौसम में यहां आगंतुकों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, स्थानीय लोगों को ठिठुरन भरी सुबह और सर्द हवाओं से निपटना मुश्किल हो रहा है। दुकानदार और क्षेत्र के निवासी ठंड से बचने के लिए दुकानों के बाहर अलाव जलाकर गर्माहट का सहारा ले रहे हैं। आसपास के गांवों में भी पिछले कुछ दिनों से तेजी से ठंड बढ़ी है।
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ठंड समय से पहले चरम की ओर
दिसंबर और जनवरी अमरकंटक में सबसे ठंडे महीने माने जाते हैं, लेकिन इस बार सर्दी समय से पहले ही तीव्र हो गई है। पाले की वजह से ओस की बूंदें सफेद परत में बदल रही हैं, जिससे सर्दी का असर और बढ़ गया है। लोग सुबह-सुबह धूप का इंतजार करते हैं ताकि राहत मिल सके।