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Burhanpur News: नवजात और प्रसूता की मौत के बाद अस्पताल में परिजन ने किया हंगामा, इलाज में लापरवाही के लगे आरोप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बुरहानपुर Published by: बुरहानपुर ब्यूरो Updated Wed, 12 Mar 2025 10:48 PM IST
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बुरहानपुर के शासकीय नंदकुमार सिंह चौहान जिला अस्पताल में इलाज में लापरवाही के चलते मरीजों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मंगलवार देर शाम एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
जानकारी के अनुसार चार दिन से भर्ती प्रसूता ने एक बालक को जन्म दिया था, लेकिन नवजात की पहले ही मौत हो गई। इसके बाद महिला की बच्चेदानी फट गई, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और अंततः उसकी भी मृत्यु हो गई। मौत के बाद करीब एक घंटे तक परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। आशा कार्यकर्ता सहित परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, प्रसूता की हालत पहले से ही नाजुक थी और परिजनों को उसे उच्च चिकित्सा केंद्र रेफर करने की सलाह दी गई थी। लेकिन रेफर करने में हुई देरी के कारण जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। प्रशासन का कहना है कि यदि परिजन चाहें, तो पूरे मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं।
परिजनों के आरोप
मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि प्रसूता चार दिनों से भर्ती थी, लेकिन डॉक्टरों ने सही समय पर ध्यान नहीं दिया। जब तक महिला की हालत अत्यधिक बिगड़ नहीं गई, तब तक उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। परिजनों के अनुसार, वे बार-बार सीजर (सिजेरियन) करने की मांग कर रहे थे, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं सुनी। जब महिला की मौत हो गई, तब जाकर डॉक्टरों ने सिजेरियन किया।
आशा कार्यकर्ता ने भी बताया डॉक्टरों ने की देरी
आशा कार्यकर्ता गायत्री पवार ने भी अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि जब मरीज को भर्ती कराया गया था, तब उन्होंने डॉक्टरों से तुरंत सिजेरियन करने की मांग की थी, लेकिन डॉक्टरों ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वे मरीज को देखकर निर्णय लेंगे। डॉक्टरों ने रंगीन सोनोग्राफी कराने को कहा, जिसे कराने के बाद भी उन्होंने सिजेरियन की जरूरत नहीं समझी। आशा कार्यकर्ता के अनुसार, नवजात का वजन सामान्य से अधिक था और महिला की डिलीवरी की तारीख 14 दिन आगे बढ़ चुकी थी, इसके बावजूद डॉक्टरों ने देरी की।
अस्पताल प्रशासन बोला- ज्यादा खून बहने से मौत
मेडिकल ऑफिसर डॉ. आर्यन गढ़वाल ने कहा कि महिला की बच्चेदानी फटने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव हुआ, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि महिला को बचाने के लिए तीन से चार यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया था, लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण उसे बड़े अस्पताल में रेफर किया गया था। किसी कारणवश मरीज को रेफर नहीं किया जा सका। अस्पताल प्रशासन ने इलाज में लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन उन्होंने परिजनों की मांग पर उच्च अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही है। यदि आवश्यक हुआ, तो इस मामले की जांच के लिए विशेष दल का गठन किया जाएगा।
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