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Damoh News: सुबह अर्थी... शाम को उठी बेटी की डोली, आठ बेटियों का पिता नहीं कर सका कन्यादान; इस शादी में सब रोए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Fri, 17 Jan 2025 02:37 PM IST
दमोह जिले के हटा में एक पिता अपनी बेटी की डोली उठते नहीं देख पाया। बेटी की शादी के चंद घंटों पहले उसकी मौत हो गई। ऐसे में एक ही दिन बेटी की डोली और पिता की अर्थी भी उठी। इस हृदय विदारक घटना देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति रो रहा था।
झकझोर देने वाला यह मामला हटा ब्लॉक के चकरदा गांव का है। जहां 16 जनवरी को बेटी के सात फेरे पड़े और एक दिन पहले 15 जनवरी की रात पिता की मौत हो गई। परिजनों ने उनका सुबह अंतिम संस्कार किया और बाद में गांव के एक मंदिर में बेटी की शादी कराकर उसे विदा किया।
हैरानी की बात यह है कि पिता की आठ बेटियां ही थीं। ऐसे में बेटी के कन्यादान को लेकर सवाल खड़ा हो गया। लेकिन, ग्रामीणों ने सहयोग करते हुए बेटी को धीरज बंधाया और उसे विदा किया। घटनाक्रम की सूचना मिलते ही आसपास के सभी लोग पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। उन्होंने न केवल सांत्वना दी, बल्कि नकद राशि प्रदान कर उनकी आर्थिक परेशानी भी दूर की। जानकारी मिलने पर विधायक उमादेवी खटीक ने 5000 रुपये की राशि परिवार को उपलब्ध कराई और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
चार साल से कैंसर से जूझ रहे थे पिता
बताया जाता है कि औठ बेटियों के पिता 42 वर्षीय अशोक रैकवार चार साल से कैंसर की बीमारी से ग्रस्त थे। वह पेशे से मजदूरी करते थे। बड़ी बेटी की शादी के बाद उन्होंने दूसरी बेटी शांति की शादी सागर निवासी अंकित रैकवार से तय की थी। 16 जनवरी को बारात आनी थी, घर में सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। 15 जनवरी की रात अशोक रैकवार का निधन हो गया। इस सदमे में आई बेटी शांति और परिजनों को गांव वालों ने सहारा दिया। ग्रामीणों ने पूरे कार्यक्रम की कमान अपने हाथों में लेकर रिश्तेदारों के सहयोग से सुबह अंत्येष्टि कराई। दोपहर में गांव के बाजू में स्थित दूसरे गांव धूमा में एक मंदिर में सभी व्यवस्थाएं की गईं। शाम को शांति की शादी की औपचारिक रस्में पूरी कराई गईं और उसे ससुराल विदा किया गया।
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