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Damoh News: बड़ी देवी में भक्तों ने चढ़ाई 15 किलो चांदी और पांच तोला सोना, यहां तीन रूप में विराजती हैं माता
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Mon, 31 Mar 2025 10:04 AM IST
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दमोह शहर के फुटेरा तालाब किनारे माता बड़ी देवी का दरबार है। यहां पर मातारानी 100 फीट ऊंचे भव्य मंदिर में विराजमान हैं। मां बड़ी देवी अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं। पिछले तीन वर्ष के दौरान माता रानी के दरबार में श्रद्धालुओं ने 15 किलो चांदी और पांच तोला सोना दान दिया है। यह प्रतिमा 300 साल पुरानी है, जो हजारी परिवार की कुल देवी हैं। नवरात्र में दूर-दूर से श्रद्धालु माता रानी के दर्शनों के लिए आते हैं। यहां पर सुबह चार बजे से भक्तों की कतारें शुरू हो जाती हैं, जो दोपहर तक लगी रहती हैं। सायंकालीन महाआरती के दौरान भी हजारों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। माता का दरबार भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है इसलिए लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और जब मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं तो मातारानी को सोने-चांदी के जेवरात भेंट करते हैं। इसका प्रमाण यह है कि पिछले तीन वर्ष के दौरान माता रानीके दरबार में 15 किलो चांदी और पांच तोला सोना दान दिया गया है। जिसमें जिसमें वीरू राय द्वारा 5 किलो चांदी का छत्र अर्पित किया गया है। वहीं, एक महिला द्वारा तीन तोला का सोने का मुकुट माता रानी को भेंट किया गया। इसके अलावा चांदी के करीब 40 छोटे छत्र, चांदी की बिछिया, पायल सहित अन्य जेवरात भेंट किए गए हैं। ज्यादातर लोगों द्वारा गुप्तदान किया गया है।
शहर का इकलौता प्रमुख मंदिर
मां बड़ी देवी का मंदिर शहर का इकलौता प्रमुख मंदिर है। यहां शहर के कोने-कोने से लोग मां को जल अर्पित करने पहुंचते हैं। वैसे तो ओर अभी देवी मां के मंदिर है, लेकिन लोगों की आस्था सबसे ज्यादा इसी मंदिर में है।
तीन रूपों में विराजमान हैं मां दुर्गा
मंदिर के पुजारी आशीष दत्त कटारे ने बताया कि मुख्य मंदिर में विराजमान माता रानी के तीन रूपों में दर्शन होते हैं। बीच में महालक्ष्मी विराजमान हैं। जो बड़ी देवी के रूप में हैं। वहीं दायीं ओर महाकाली एवं बायीं ओर मां सरस्वती विराजमान हैं। मां का चेहरा शांत मुद्रा में है। जो भी परेशान व्यक्ति या मन में क्रोध लेकर यहां पर आता है, कुछ देर बैठने के बाद खुद को शांत पाता है। यहां पर प्राचीन श्रीगणेश जी, संतोषी माता, शारदा माता, शंकर जी सहित अन्य देवियां विराजमान हैं। नवरात्र में नौ दिवसीय अखंड संकीर्तन होता है। साथ ही परिसर में नौ दिवसीय विशाल मेला भी लगता है। ऐसा बताया जाता है कि जो भी लोग यहां आकर मनौती करते हैं वह पूरी होती है। यही वजह है कि यहां पर हर साल भक्तजन सोने-चांदी के आभूषण मातारानी को भेंट करते हैं।
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