दमोह जिले के तेंदूखेडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत खमरिया के नन्हीं देवरी गांव में भीषण जलसंकट बना हुआ है। ग्रामीण सुबह उठते ही दो किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाते हैं। गांव की आबादी करीब 600 है। गांव में जलसंकट तो कई वर्षों से है, लेकिन इस साल समस्या अधिक गंभीर हो गई है, जिससे कई ग्रामीण पलायन कर गए हैं। जल स्तर नीचे जाने से गांव के सभी हैंडपंप बंद हो गए हैं। गांव में पानी का कोई अन्य स्रोत नहीं है। ऐसे में उन्हें दो किलोमीटर दूर स्थित कुएं से पानी भरकर लाना पड़ रहा है।
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स्कूल बंद, नहीं हो रहे विवाह
नन्हीं देवरी गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। मुख्य मार्ग से दो किलोमीटर अंदर बसे इस गांव तक पहुंचने के लिए न तो पक्का मार्ग है और न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था। इस कारण गांव में कोई बाहरी व्यक्ति रिश्तेदारी निभाने तक नहीं आता है। मातारानी आदिवासी ने बताया कि दो वर्ष हो गए, गांव में लड़कों के विवाह तक नहीं हुए। जिन लोगों ने गांव छोड़कर दूसरे गांवों में रहना शुरू किया है, केवल उन्हीं के विवाह हो पाए हैं। नन्हीं देवरी में दो दर्जन से ज्यादा युवक विवाह के लिए तैयार बैठे हैं। लेकिन लड़की पक्ष के लोग आते हैं तो कच्चा मार्ग और पानी की समस्या देखकर लौट जाते हैं।
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तालाब निर्माण की उठी मांग
नन्हीं देवरी के ग्रामीण गुरुवार को गांव के बाहर नीम के पेड़ के नीचे अपनी मांगों को लेकर एकत्र हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि तीन वर्ष पूर्व हमारे गांव में जल संसाधन विभाग का एक बड़ा तालाब बनना शुरू हुआ था, लेकिन बाद में कार्य बंद हो गया। जानकारी लेने पर पता चला कि वन विभाग ने तालाब निर्माण पर रोक लगा दी है। जबकि जो जंगल थे, उन्हें भी वन विभाग ने ही कटवा दिया था और अब पानी के लिए तालाब निर्माण को जमीन का हवाला देकर रुकवा रहे हैं। गांव के युवाओं से लेकर बच्चे तक सभी लोग सुबह से दो किलोमीटर दूर एक कुएं पर जाते हैं और वहां से पानी लाते हैं। इससे पुरुष कोई दूसरा कार्य नहीं कर पा रहे और न ही बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं। कोई साइकिलों पर डिब्बे लेकर पानी के लिए जाता है, तो कोई बैलगाड़ी के सहारे पानी ला रहा है। महिलाएं और बच्चियां सिर पर बर्तन रखकर दो किलोमीटर पैदल चलकर पानी ला रही हैं। एकमात्र कुआं होने के कारण घंटों इंतजार करने के बाद ही लोगों को पानी मिल पाता है। वहीं, इस गांव में कई मवेशी भी मृत अवस्था में पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्यास के कारण मवेशियों की जान गई है।
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पानी के टैंकर गांव भेजे जाएंगे
तेंदूखेड़ा जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि इस वर्ष नन्हीं देवरी गांव का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इसलिए जलसंकट की स्थिति बन रही है। मैंने पंचायत को प्रतिदिन तीन टैंकर पानी गांव में भेजने के निर्देश दिए हैं। यह प्रक्रिया आज से ही शुरू कर दी जाएगी।
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पीएचई की टीम को गांव भेजा
तेंदूखेड़ा एसडीएम सौरभ गंधर्व ने बताया कि जल निगम और पीएचई की टीम को गांव भेजा जा रहा है। जो तालाब का कार्य रुका है, उसके संबंध में वन विभाग के अधिकारियों के साथ शीघ्र बैठक कर समस्या को निपटाने का प्रयास किया जाएगा।