{"_id":"678efdf8015d54d7070d70ca","slug":"lineman-lodged-fir-against-farmers-who-went-to-ask-for-electricity-know-what-is-the-whole-matter-guna-news-c-1-1-noi1226-2543420-2025-01-21","type":"video","status":"publish","title_hn":"Guna News: बिजली मांगने गए किसानों के खिलाफ लाइनमैन ने दर्ज करा दी एफआईआर,जानें क्या पूरा मामला","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Guna News: बिजली मांगने गए किसानों के खिलाफ लाइनमैन ने दर्ज करा दी एफआईआर,जानें क्या पूरा मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुना Published by: गुना ब्यूरो Updated Tue, 21 Jan 2025 08:54 AM IST
Link Copied
गुना जिले में किसान रबी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से परेशान हैं। वहीं, बिजली कंपनी की मनमानी का विरोध करने पर किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
ऐसा ही मामला गुना जिले के बरखेड़ागिर्द क्षेत्र में सामने आया है, जहां एक लाइनमैन की शिकायत पर पुलिस ने 6 किसानों पर आपराधिक धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पीड़ित किसानों के समर्थन में ग्रामीणों ने सोमवार को एसपी को आवेदन दिया है और एफआईआर वापस लेने की मांग की है।
पुलिस अधीक्षक को आवेदन देने आए करीब एक दर्जन ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बरखेड़ागिर्द फीडर पर पदस्थ लाइनमैन द्वारा किसानों को नियमानुसार बिजली सप्लाई नहीं दी जा रही है। इस संबंध में 14 जनवरी को गांव के कुछ किसान फीडर पर पहुंचे थे और लाइनमैन की मनमानी का विरोध किया था। अगले ही दिन, 15 जनवरी को लाइनमैन सुनील धुर्वे की शिकायत पर पुलिस ने 6 किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज कर लिए। जिसके बाद गांव में आक्रोश व्याप्त है।
किसानों का कहना है कि वे सिर्फ बिजली मांगने के लिए पहुंचे थे, किसी का अपमान करना या लड़ाई-झगड़ा करना उनका उद्देश्य नहीं था। इसलिए किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं और लाइनमैन को फीडर से हटाया जाए।
गौरतलब है कि हाल ही में शाजापुर जिले के कालापीपल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों को दिन के समय 10 घंटे बिजली देने की घोषणा की थी। इसके विपरीत गुना जिले में नियमानुसार बिजली मांगने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज होने का गंभीर घटनाक्रम सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर प्रमाणित कर रहा है। पहले डीएपी और अब बिजली के लिए परेशान हो रहे किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश भी बढ़ रहा है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।