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Jabalpur News: सौरभ शर्मा की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा मनी लॉन्ड्रिंग के हैं पर्याप्त सबूत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Sun, 28 Sep 2025 04:07 PM IST
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ईडी द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल से करोड़पति बिल्डर बने सौरभ शर्मा की जमानत याचिका हाईकेार्ट ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा है कि आवेदक और अन्य सह-अभियुक्तों से बरामद नकदी, आभूषणों और अन्य दस्तावेजों के विश्लेषण से प्रथमदृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग के पर्याप्त सबूत हैं।
गौरतलब है कि लोकायुक्त ने आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा के घर पर दबिश दी थी। बेनामी संपत्ति मिलने पर ईडी ने उसके, पारिवारिक सदस्य सहित 12 व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। आरोपी सौरभ शर्मा गत 4 फरवरी से न्यायिक अभिरक्षा में है। ईडी द्वारा दर्ज प्रकरण में जिला न्यायालय ने जमानत देने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आवेदक की तरफ से दलील दी गई थी कि ईडी द्वारा जब्त संपत्ति उसके नाम पर नहीं है। उसका उक्त सम्पतियों को कोई लेना-देना नहीं है।
ईडी की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विक्रम सिंह ने बताया कि प्रकरण के सह आरोपियों का कहना है कि सौरभ शर्मा ने उनके नाम से उक्त संपत्ति खरीदी है। संपत्ति उनके नाम पर है, पर उन्हें सौरभ शर्मा ने खरीदा था। आवेदक ने अपने पत्नी, रिश्तेदार तथा दोस्तों के नाम पर फर्म व कंपनी बनाकर संपत्ति खरीदी थी। इसके अलावा अपने बेटे के अविरल के नाम पर एफडी की है और फर्मों मेसर्स अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संपत्ति खरीदी है। आयकर विभाग द्वारा इनोवा कार से 11.60 करोड़ रुपये नकद और 40.27 करोड़ रुपये मूल्य का 51.893 किलोग्राम सोना बरामद किया गया था। जब्त इनोवा कार सह-आरोपी चेतन सिंह गौड़ के नाम पर पंजीकृत है, परंतु उसका उपयोग आवेदक सौरभ शर्मा द्वारा किया जा रहा था। ईडी ने 108 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। जो आवेदक सौरभ शर्मा ने सह आरोपियों के नाम पर खरीदी थी। अटैच की गई सम्पत्ति के संबंध में सिविल प्रकरण दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है। परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर पदस्थापना के दौरान आरोपी सौरभ शर्मा को वेतन 28 हजार रुपये था। एकलपीठ ने जमानत आवेदन के सुनवाई करते हुए 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए थे। एकलपीठ ने द्वारा शनिवार को जारी आदेश में उक्त आदेश के साथ जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रायल कोर्ट गुण-दोष के आधार पर प्रकरण की सुनवाई करें।
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