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Jabalpur News: सर्वे के बाद जारी हुआ था वक्फ संपत्ति का गजट नोटिफिकेशन, सरकार को नहीं है अधिग्रहण का अधिकार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Wed, 26 Feb 2025 04:35 PM IST
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हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि वक्फ अधिनियम 1995 के तहत वक्फ बोर्ड की संपत्ति का अधिग्रहण सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है। याचिका में उज्जैन और रतलाम स्थित वक्फ संपत्तियों के अधिग्रहण का उल्लेख किया गया था, जिसमें रतलाम की पहलवान बाबा शाह दरगाह और उज्जैन की चार सौ साल पुरानी मस्जिद को तोड़कर जमीन अधिग्रहण का मामला शामिल था।
याचिका में बताया गया कि साल 1983 से 1985 के बीच सर्वे के बाद वक्फ संपत्ति का गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उस समय इस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड केवल संपत्ति का केयरटेकर है और उसके पास संपत्ति के स्थानांतरण या नामांतरण का अधिकार नहीं है।
क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र पर सवाल
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने पाया कि याचिका में उल्लिखित उज्जैन और रतलाम जिले हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के न्यायिक क्षेत्र में आते हैं। इसी कारण याचिका को इंदौर खंडपीठ में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया।
याचिका के प्रमुख बिंदु
रतलाम की पहलवान बाबा शाह दरगाह के पास पहले से ही फोरलेन और टू-लेन सड़कें हैं, इसके बावजूद जमीन अधिग्रहण का प्रयास किया गया।
उज्जैन की चार सौ साल पुरानी मस्जिद को तोड़कर सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया।
याचिकाकर्ता का तर्क था कि वक्फ अधिनियम 1995 के तहत वक्फ संपत्ति का अधिग्रहण अवैध है।
याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने न्यायिक अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए इसे इंदौर खंडपीठ में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। याचिका भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा दायर की गई थी, जिसकी पैरवी अधिवक्ता सैयद अशर अली वारसी ने की।
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