देशभर में विघ्नहर्ता भगवान गणेश के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के कटनी जिले में भक्तों की आस्था ने एक छोटे से मंदिर को पूरे चौक की पहचान बना दिया। जी हां, यहां करीब 50 साल पहले स्थापित गणेश मंदिर आज इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि पूरा इलाका “गणेश चौक” के नाम से जाना जाता है। हर साल यहां आयोजित 10 दिवसीय मेला हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है।
कटनी के समाजसेवी अर्पित पोद्दार बताते हैं कि इस गणेश मंदिर की नींव करीब 5 दशक पहले स्वर्गीय अशोक अग्रवाल ने रखी थी। उन्होंने छोटी सी सुंदर प्रतिमा स्थापित कर मंदिर का निर्माण करवाया। उस समय शंकराचार्य विष्णु देवानंद सरस्वती जी महाराज ने यहां आगमन कर भव्य गणेश मंदिर बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद अग्रवाल परिवार ने मंदिर का निर्माण करवाया, जिसकी देखरेख पहले त्रिलोकीनाथ अग्रवाल और अब पूरा परिवार करता है।
गणेश चौक का यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, बल्कि जिले का आस्था केंद्र है। पुरोहित दुर्गा पांडा के अनुसार यहां स्थापित गणेश प्रतिमा जिले की सबसे भव्य मानी जाती है। मान्यता है कि यहां जो भी भक्त मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
हर साल गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक यहां विशाल मेला लगता है। इस दौरान सौ से ज्यादा दुकानें सजती हैं, जिनमें खाने-पीने से लेकर श्रृंगार और सजावट का सामान मिलता है। श्रद्धालु दर्शन के साथ-साथ परिवार संग झूले झूलकर मेले का आनंद उठाते हैं। कटनी का गणेश चौक आज न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जिले की पहचान भी बन चुका है। यहां की गूंजती किलकारियां और भक्तों की उमड़ती भीड़ इस बात की गवाही देती है कि गणपति बप्पा सचमुच सबकी मनोकामना पूरी करते हैं।
दर्शन करने आईं किरण गुप्ता ने बताया कि यह जिले का पहला गणेश मंदिर है, जिसे 50 साल पहले बनवाया गया था। इसी कारण इस पूरे क्षेत्र को “गणेश चौक” के नाम से जाना जाता है। मेले की रौनक बढ़ाने के लिए एक सैकड़ा से अधिक दुकानें लगती हैं, जहां खाने-पीने से लेकर सजावट का सामान तक उपलब्ध रहता है। भक्त भगवान गणेश के दर्शन के साथ-साथ झूलों का आनंद उठाक