मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद ब्लॉक के ग्राम सिपटान से होकर बहने वाली कुंदा और वेदा नदी के संगम पर आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए पुल बनाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। इसे लेकर किसान उग्र आंदोलन की राह पकड़ रहे हैं। तीन दिन पहले खेत पर जा रहे एक किसान की बैलगाड़ी सहित डूबने से मौत हो गई थी, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीण ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर जिला मुख्यालय के लिए ज्ञापन देने निकले थे, हालांकि इन्हें बीच रास्ते में मेनगांव थाना पुलिस ने रोक लिया।
इधर, थाना मेनगांव पर किसानों को समझाने के लिए पहुंचे तहसीलदार ने किसानों से ज्ञापन ले लिया। लेकिन, इस दौरान ग्रामीणों ने तहसीलदार को चेतावनी दी कि यदि पुल का निर्माण नहीं हुआ, तो वे लोग उग्र आंदोलन करेंगे और ग्राम लोहारी में चक्काजाम करने को बाध्य होंगे फिर चाहे उन्हें कितने भी दिन वहां बैठना पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि सिपटान गांव से बिलखेड़ जाने के लिए नदी पार करनी पड़ता है। नदी के दूसरी ओर लहुट होने के कारण बारिश के दिनों में जान जोखिम में डालकर नदी पार करना उनकी मजबूरी बन गई है।
ज्ञापन देने पहुंचे ग्राम सिपटान के पूर्व सरपंच दामोदर यादव ने बताया कि 20 तारीख को एक किसान की मौत हुई थी और उसका बैल भी मर गया था। ऐसे हादसे हर साल होते रहते हैं। इसी के लिए हम मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने कलेक्टर ऑफिस जा रहे थे, लेकिन तहसीलदार ने हमें मेनगांव थाने के सामने रोक दिया। हमें खरगोन तक जाने नहीं दिया गया। उधर, राजस्व अधिकारी ने मौखिक रूप से आदेश दिया कि नदी में नाव बंद कर दी जाए। यदि नाव बंद होती है, तो नदी के उस पार किसानों की 700 एकड़ जमीन है। ऐसे में जब यहां की नदियों में बाढ़ की स्थिति है और दोनों डैम ओवरफ्लो हो रहे हैं, तो हम नदी पार जाकर किस तरह से खेती कर पाएंगे?
किसान दामोदर यादव ने बताया कि हम लोग ग्राम सिपटान के हैं, जहां वेदा और कुंदा नदियों का संगम है। इस संगम पर हर साल एक हादसा होता है और यह पिछले 50 साल से चल रहा है। इसलिए हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि वहां पुल का निर्माण किया जाए। कांग्रेस सरकार के समय इसको लेकर तैयारी हो चुकी थी, केवल टेंडर होना बाकी था। अब हमारी मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग है कि उस समय की रुकी हुई फाइल को निकालकर पुल निर्माण करवाया जाए और तहसीलदार कसरावद से कहकर नाव को वापस से चालू करवाया जाए।
ज्ञापन देने जा रहे किसानों को पुलिस ने रोका...