जिले के ग्रामीण अंचल में लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छनेरा तहसील स्थित कैनरा बैंक के मैनेजर को देर शाम रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार यह रिश्वतखोर बैंक मैनेजर शासन की स्कीम के स्वीकृत रुपयों में से ग्राहकों से कमीशन मांगता था।
इसी के चलते एक किसान से उसके डेयरी प्रोजेक्ट का लोन स्वीकृत करने को लेकर इसने 75 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इतना ही नहीं रिश्वत की राशि तय हो जाने के बाद उसे भी यह लोन की किश्तों की तरह प्रत्येक माह के हिसाब से बांध लेता था। उसने किसान से कुल 6 लाख के लोन के बदले 10 हजार रुपये पहले ही ले लिए गए थे, जिसके बाद मंगलवार शाम इंदौर से आए 10 सदस्यीय लोकायुक्त दल ने उसे 5 हजार रुपये रिश्वत लेते धरदबोचा।
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जानकारी के अनुसार केनरा बैंक मैनेजर राधारमन सिंह राजपूत एक साल पहले ही इस पद पर नियुक्त हुआ था और यह बैंक में सरकारी योजनाओं के लोन में मिलने वाली सब्सिडी की आधी राशि रिश्वत के रूप में मांगता था और रिश्वत नहीं देने वालों के लोन स्वीकृत नहीं किए जाते थे। ऐसे ही एक मामले में किसान विनोद लोवंशी के दूध डेयरी निर्माण के लिए 6 लाख रुपए का लोन इसने स्वीकृत किया था, जिसमे मिलने वाली डेढ़ लाख रु की सब्सिडी राशि में से आधे अर्थात 75 हजार रुपये इसने रिश्वत के रूप में मांगे और आवेदन स्वीकृत करने के साथ ही 10 हजार रुपये ले भी लिए।
इसके बाद 15 हजार और मांगते हुए बाकी के 50 हजार रुपये के लिए मैनेजर ने शासन द्वारा देय किस्तों के साथ अपनी रिश्वत की किश्त भी बांध दी थी। आवेदक किसान ने इसी के संबंध में मैनेजर को रिश्वत के 5 हजार रुपए दिए और तभी लोकायुक्त ने उसे दबोच लिया।
लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय ने बताया कि महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर मैनेजर को ट्रेप किया गया है। आवेदक विनोद लोवंशी निवासी राम्पुरी रैय्यत (निशानियां) ने आचार्य विद्यासागर योजना के तहत दूध डेयरी निर्माण के लिए आवेदन किया था। योजना के तहत उन्हें छह लाख रुपए स्वीकृत भी हो गए। छनेरा स्थित कैनरा बैंक में उनके खाते में स्वीकृत राशि डाली जाने वाली थी। इसी को देखकर कैनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर राधारमन सिंह राजपूत ने लोवंशी से 75 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।