सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही मां शारदा धाम में चढ़ावा गायब होने की खबर कोरी अफवाह साबित हुई। दरअसल मंदिर प्रशासक द्वारा जारी एक नोटिस पत्र के सोशल मीडिया पर फैलते ही मामला तूल पकड़ गया हालांकि बाद में मंदिर के प्रधान पुजारी ने इसे पूरी तरह अफवाह बताते हुए स्थिति स्पष्ट की।
कैसे फैली अफवाह?
जानकारी के अनुसार 22 अक्टूबर को एक श्रद्धालु ने मां शारदा को 2 किलो चांदी का छत्र, मुकुट और सोने की नथ अर्पित किए थे। दानदाता की इच्छा थी कि यह शृंगार छठ पूजा तक लगभग सात दिन माता के सिंहासन पर ही अर्पित रहे। प्रधान पुजारी पवन पाण्डेय ने बताया कि भक्त की इच्छा के अनुरूप यह पूरा सामान माता के शृंगार में लगाया गया और 28 अक्टूबर को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इसे मंदिर के कोषालय में जमा करा दिया गया।
ये भी पढ़ें: MP News: मोहन कैबिनेट आज, बिजली कनेक्शन के हार्स पॉवर के अनुसार सोलर पंप देने पर प्रस्ताव
पुजारी के अनुसार चढ़ावा कोष में जमा हो जाने के दो दिन बाद यानी 30 अक्टूबर मंदिर प्रशासक ने उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए एक पत्र जारी किया, जिसमें चढ़ावा गायब होने का जिक्र किया गया था। यही पत्र बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मामला अचानक विवाद का विषय बन गया। प्रधान पुजारी ने कहा कि चढ़ावा गायब होने की बात पूरी तरह अफवाह है सारा सामान 28 अक्टूबर को ही कोष में जमा कर दिया गया था। पत्र मिलते ही मैंने पूरी जानकारी प्रशासक को दे दी थी और अब कुछ लोगों के द्वारा उसे अनर्गल तरीके से वायरल किया जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम ने मंदिर प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुजारी के अनुसार सामान जमा हो जाने के बावजूद प्रशासक द्वारा नोटिस जारी किया जाना अब संदेह के घेरे में है। मामले पर एसडीएम दिव्या पटेल जो मंदिर प्रशासक भी हैं उन्होंने सिर्फ औपचारिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंदिर समिति से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर कई लोगों को नोटिस जारी हुआ था। सभी का बयान आ चुका है और अब मामले की जांच की जा रही है।
वायरल पत्र के बाद लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जहां एक तरफ पुजारी इसे अफवाह बताते हुए साफ कर चुके हैं कि चढ़ावा सुरक्षित है, वहीं प्रशासन द्वारा जारी नोटिस अभी भी कई सवाल छोड़ रहा है।