मध्य प्रदेश में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर क्या सुरक्षित नहीं है? राजगढ़ में घटित घटना ने एक बार फिर से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, माचलपुर थाना क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार शाम एक महिला डॉक्टर के साथ मारपीट की घटना सामने आई। मृतक मरीज के परिजनों ने डॉक्टर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस दौरान की घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महिला डॉक्टर पायल पाटीदार ने बताया कि वे माचलपुर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं और वहां की मेडिकल ऑफिसर भी हैं। उनके पास क्वार्टर उपलब्ध नहीं है, इसलिए वे 24 घंटे स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद नहीं रह पाती। उन्होंने आगे कहा कि शनिवार सुबह एक मरीज उनके पास आया, जिसे तेज बुखार था। उन्होंने मरीज का इलाज किया और जो ट्रीटमेंट दिया जाना चाहिए था, वह दिया। हालात में सुधार न होने पर मरीज को रेफर किया गया। रेफर होने के दौरान ही मरीज की मौत हो गई। डॉक्टर पायल ने कहा कि शाम 4 से 5 बजे मृतक मरीज की मां आई और उन पर आरोप लगाने लगी। उन्होंने कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन महिला नहीं मानी। इसके बाद हाथापाई हुई।
माचलपुर थाना प्रभारी पूजा परिहार ने बताया कि मृतक मरीज अरविंद मालवीय को तबीयत खराब होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। ड्यूटी डॉक्टर ने इलाज किया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर परिजनों को उन्हें झालावाड़ रेफर करने की सलाह दी। रेफर के दौरान ही मरीज की मौत हो गई। लौटते समय परिजन अस्पताल लौट आए और उनके साथ हाथापाई की। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
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मृतक के परिजनों का आरोप है कि मरीज को तेज बुखार में ड्रिप और इंजेक्शन दिए जाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ी। बाद में उसे रेफर किया गया, जहां झालावाड़ अस्पताल के डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। सोशल मीडिया पर यह भी बताया जा रहा है कि अरविंद ने अपनी मौत से तीन घंटे पहले अस्पताल की खामियों को उजागर करने के लिए वीडियो बनाया था। इसमें वह बताता है कि डॉक्टर की लिखी दवा अस्पताल में नहीं मिली। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सभी दवाइयाँ उपलब्ध हैं, कभी-कभी कुछ दवाइयाँ अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं होती हैं। डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के बाद नगर के मेडिकल स्टोर, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब बंद रहे। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सेवाएं भी ठप रहीं, जिससे अन्य मरीज भी परेशान हुए।
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