श्रावण मास में पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर आयोजित की जा रही ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए पांच अगस्त की रात सीहोर शहर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। आयोजकों के अनुमान से कई गुना अधिक भीड़ उमड़ने के कारण करीब सात लाख श्रद्धालु सीहोर पहुंच चुके थे। स्थिति यह हो गई कि शहर के तमाम होटल, लॉज, धर्मशालाएं और निजी गेस्ट हाउस पूरी तरह भर गए। हजारों श्रद्धालुओं को रात्रि विश्राम के लिए कोई जगह नहीं मिली, जिससे वे रेलवे स्टेशन, सड़कों, खुले मैदानों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ही रात गुजारने को मजबूर हो गए। मच्छरों और असुविधाओं के बीच रातभर श्रद्धालु परेशान होते रहे।
सीहोर रेलवे स्टेशन रातभर अस्थायी विश्राम स्थल में तब्दील हो गया। यहां करीब 20 से 25 हजार श्रद्धालु प्लेटफॉर्म और स्टेशन के बाहर की सड़कों पर सोते हुए नजर आए। शहरवासियों ने अपने घरों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए, कई समाजसेवी संस्थाओं ने भी प्रयास किए, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि ये सभी प्रयास नाकाफी साबित हुए।
श्रद्धालुओं की इस भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने भी सहयोग बढ़ाया और 6, 7 और 8 अगस्त को उज्जैन और सीहोर के बीच अनारक्षित स्पेशल ट्रेनें चलाईं। रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा के अनुसार, गाड़ी संख्या 09309 उज्जैन से सुबह 11:50 बजे रवाना होकर दोपहर 2 बजे सीहोर पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन संख्या 09310 सीहोर से दोपहर 3:10 बजे रवाना होकर शाम 5:40 बजे उज्जैन पहुंचेगी। यह ट्रेन मक्सी और शुजालपुर स्टेशनों पर रुकेगी। वहीं, श्रद्धालु सुविधा को देखते हुए 69213 उज्जैन-इंदौर मेमू और 59319 उज्जैन-भोपाल पैसेंजर ट्रेनों को आंशिक रूप से प्रभावित किया गया है।
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। मंगलवार को दो महिलाओं की धक्का-मुक्की में मौत हो जाने के बाद भोपाल संभागायुक्त संजीव सिंह, कलेक्टर बालागुरु के., डीआईजी ओमप्रकाश त्रिपाठी और एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने कुबेरेश्वरधाम और कांवड़ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। उन्होंने पेयजल, सफाई, अस्थायी शौचालय, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, सहायता केंद्र, कंट्रोल रूम और ट्रैफिक मैनेजमेंट से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिए।
पूरे सीहोर शहर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा है। नगरवासी, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि श्रद्धालुओं की सेवा में लगे हैं। विभिन्न स्थानों पर चाय, नाश्ता, भोजन, प्रसादी और पेयजल के स्टॉल लगाए गए हैं। सीवन नदी तट, गंगा आश्रम रोड, इंदौर नाका और चौपाल सागर जैसे स्थानों पर श्रद्धालु रात्रि विश्राम करते देखे गए।
श्रद्धालुओं के आगमन से सीहोर के भाउखेड़ी जोड़, धामंदा से अमलाहा तक के हाईवे और ग्रामीण मार्गों पर जाम की स्थिति बनी रही। कई वाहन घंटों रेंगते रहे। प्रशासन ने डायवर्जन प्लान जारी करते हुए लोगों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है। भोपाल से आने वाले भारी वाहनों को श्यामपुर और कुरावर होते हुए ब्यावरा भेजा जा रहा है, वहीं इंदौर और देवास से भोपाल की ओर आने वाले भारी वाहनों को मक्सी और शाजापुर होकर भेजा जा रहा है। छोटे वाहनों के लिए न्यू क्रिसेंट चौराहा, भाउखेड़ी और अमलाहा मार्ग सुझाए गए हैं।
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कांवड़ यात्रा को भव्यता देने के लिए हेलिकॉप्टर से शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा की योजना बनाई गई है। दिल्ली, झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों से आई झांकियां और दो दर्जन से अधिक डीजे भी इस यात्रा का हिस्सा बनेंगे। मध्यप्रदेश के ही प्रसिद्ध बाबा डीजे सीहोर का विशेष आकर्षण रहेगा।
कुबेरेश्वरधाम में इस समय लाखों श्रद्धालु डटे हुए हैं और पूरा परिसर एक महाकुंभ का दृश्य प्रस्तुत कर रहा है। सीवन नदी तट से कुबेरेश्वरधाम तक भगवा रंग की लहर छा गई है। हर दिशा में “बोल बम” और “हर हर महादेव” की गूंज सुनाई दे रही है। महिला, पुरुष, युवा और बुजुर्ग श्रद्धालु पूरी श्रद्धा के साथ कांवड़ लेकर जलाभिषेक के लिए बढ़ रहे हैं।
सेवा कार्यों में जुटे विठलेश सेवा समिति के समीर शुक्ला और मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि कुबेरेश्वरधाम मार्ग पर 300 से अधिक स्थानों पर श्रद्धालुओं के स्वागत, भोजन, जल और मेडिकल सुविधा के शिविर लगाए गए हैं। सीवन नदी से लेकर धाम तक सेवा शिविर, भोजनालय और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र सक्रिय हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस आयोजन को केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि कलियुग में शिव युग की वापसी बताया। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं, इसीलिए इस महीने में की गई पूजा और सेवा विशेष फलदायी होती है। श्रद्धालुओं की सेवा करना सौभाग्य की बात है।
यात्रा की तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी हैं। सुरक्षा, चिकित्सा, ट्रैफिक और सफाई को लेकर अधिकारी पूरी सतर्कता से काम कर रहे हैं। बुधवार सुबह 9 बजे ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा की शुरुआत होगी, जिसमें पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। यात्रा में सौ से अधिक ढोल, डमरू, झांकियां और डीजे शामिल होंगे, जिससे पूरे वातावरण में उत्सव और भक्ति का संगम दिखाई देगा।
सीहोर की यह कांवड़ यात्रा श्रद्धा, सेवा और सुरक्षा की त्रिवेणी बनकर सामने आई है। सड़कों से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक हर स्थान पर शिवभक्तों की आस्था, नगरवासियों की सेवा भावना और प्रशासन की सतर्कता दिखाई दे रही है। हर चेहरे पर मुस्कान और हर स्वर में शिव का नाम गूंज रहा है यही शिवभक्ति का सच्चा स्वरूप है।