सीहोर के महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज की मार्डन ऑफिस मैनेजमेंट ब्रांच की फाइनल इयर की 25 छात्राएं स्टेनों टाइपिंग विषय के प्रैक्टिकल में एक साथ फेल कर दी गईं। हैरानी की बात ये है कि अन्य विषयों में सभी छात्राएं पास हैं, लेकिन इस एक विषय में सभी को फेल कर दिया गया।
छात्राओं ने कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार
इस फैसले से नाराज छात्राएं कलेक्ट्रेट पहुंचीं। उन्होंने कलेक्टर बालागुरु को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्रैक्टिकल लेने आए प्रोफेसर प्रमोद लिंगावत ने विषय को ‘बेकार’ बताया और जानबूझकर सभी को फेल कर दिया। वहीं, कॉलेज की स्टेनों शिक्षिका पूजा जलोदिया पर भी द्वेषभावना से नंबर काटने का आरोप लगाया।
‘भविष्य अंधकार में’, छात्राओं ने जताई साल बर्बाद होने की आशंका
छात्राओं ने बताया कि स्टेनोग्राफी सिर्फ एक सब्जेक्ट है, जिसमें वे फेल हुई हैं, बाकी सभी विषयों में उन्होंने पासिंग मार्क्स हासिल किए हैं। इस एक प्रैक्टिकल की वजह से उनका सेमेस्टर बैक हो गया और अब पूरा साल बर्बाद होने की नौबत आ गई है।
कॉलेज प्रबंधन का पल्ला झाड़ना जारी
कॉलेज के नए प्राचार्य चंद्रशेखर ने कहा कि वह हाल ही में पदस्थ हुए हैं और उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। उन्होंने जांच कराने की बात कही। पूर्व प्राचार्य आर.के. वर्मा ने कहा कि प्रैक्टिकल के लिए बाहरी प्रोफेसर आते हैं और नंबर वही देते हैं, कॉलेज की इसमें भूमिका नहीं होती।
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पहले भी विवादों में रह चुका है यह कॉलेज
सीहोर का भोपाल नाका स्थित महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज पहले भी कई विवादों में घिर चुका है। कुछ महीने पहले हॉस्टल में छात्रा की आत्महत्या ने हड़कंप मचा दिया था। भोजन व्यवस्था और बिल्डिंग मेंटेनेंस को लेकर भी सवाल उठ चुके हैं। अब प्रैक्टिकल में धांधली ने कॉलेज प्रशासन को फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है।
‘भोपाल जाएंगे अगर यहां सुनवाई नहीं हुई’
छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो वे उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल जाकर शिकायत करेंगी। ममता और सीमा नामक छात्राओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कॉलेज में सुनवाई नहीं होती और अब वे चुप बैठने वाली नहीं हैं।