सीहोर जिले के ग्राम चंदेरी में सोमवार को दीपों की उजास में किसानों ने दीपावली का पर्व कुछ अलग ही ढंग से मनाया। गांव के दर्जनों किसान और ग्रामीण एकत्रित हुए, फूल जमकर डांडिया खेला गया और दीपावली की खुशियां मनाई गई। इसके बाद दीपों से सजी ‘किसान दीपावली’ का आयोजन किया गया। गाँव में जब हर ओर दीप जले, तो पूरा वातावरण भक्ति और कृतज्ञता से भर उठा।
माता रानी से समृद्धि की प्रार्थना
ग्राम चंदेरी के किसानों ने इस आयोजन को माता रानी के चरणों में समर्पित किया। खेत-खलिहानों में मेहनत करने वाले इन किसानों ने माँ लक्ष्मी और माँ अन्नपूर्णा से विनती की कि आने वाला रवी सीजन शुभ और फलदायी रहे। किसान दीपावली के दौरान ‘जय माँ लक्ष्मी’ और हर खेत हर किसान सुखी रहे के जयघोष गूंजे। ग्राम वासियों ने मिट्टी के दीपकों से सुंदर आकृतियाँ बनाई, कहीं माँ लक्ष्मी के चरण-पद्म, तो कहीं जय किसान शब्दों से बनी रचनाएँ। जब इन दीपों में लौ जली तो दृश्य मन को मोह लेने वाला था। बच्चे, महिलाएँ और वृद्ध सभी ने श्रद्धा से दीप जलाए और वातावरण में भक्ति की ऊर्जा फैल गई।
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किसानों ने की ये प्रार्थना
कार्यक्रम के मुख्य प्रेरक समाजसेवी व किसान एम.एस. मेवाड़ा ने बताया कि किसान दीपावली का उद्देश्य केवल पर्व मनाना नहीं बल्कि प्रकृति और परिश्रम के प्रति आभार जताना है। गोपाल सिंह प्रहलाद सिंह का कहना था दीपावली के अवसर पर किसानों ने डांडिया खेल कर भी दीपावली का जश्न मनाया। किसानों का कहना था कि दीपावली पर्व को उत्साह से मानना असली दीपावली है। उन्होंने कहा, हमने माँ लक्ष्मी से प्रार्थना की कि हमारी फसलें समृद्ध हों, ताकि हमें सरकार के सामने हाथ न फैलाना पड़े। इस अवसर पर किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार व्यक्त किया। किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किसानों को राहत राशि प्रदान करना एक सराहनीय कदम है। सभी ने एकस्वर में देशवासियों और किसान भाइयों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
सोशल मीडिया पर गूंजी किसान दीपावली
किसान दीपावली’ का यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। दीपों से जगमगाते खेत, माता रानी की झाँकी और किसानों की प्रार्थना ने लोगों के दिलों को छू लिया। हर ओर से इस पहल की सराहना हुई। लोगों ने इसे मेहनतकश भारत की सच्ची दीपावली बताया, जहाँ मेहनत, आशा और श्रद्धा एक साथ झिलमिलाती है। सीहोर की यह किसान दीपावली केवल पर्व नहीं बल्कि एक संदेश है, कि जब किसान खुश होता है, तो पूरा देश जगमगा उठता है। खेत-खलिहान की हर दीप-लौ में भारत की आत्मा चमकती है, और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद उसी घर में उतरता है जहाँ श्रम, आस्था और एकता का दीप जलता है।