चलित विधानसभा कार्यालय के तहत जब मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल खजराना गांव पहुंचे और रात्रि विश्राम की घोषणा की, तो गांव में हलचल मच गई। वजह थी वक्फ बोर्ड को आवंटित की गई बहुमूल्य जमीन, जिसे लेकर पहले से ही दो पक्षों में तनाव बना हुआ है। सामाजिक संगठनों ने इस जमीन के आवंटन पर सवाल उठाते हुए इसे अवैध करार दिया है और लंबे समय से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं।
ऐसे संवेदनशील हालात के बीच विधायक के रात्रि विश्राम की खबर से पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया। आशंका थी कि कहीं रातों-रात वक्फ बोर्ड की जमीन खाली कराने की कोई कार्रवाई न हो जाए। इसी कारण प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए इलाके और आसपास के गांवों से जेसीबी मशीनों को जब्त कर लिया।
इस घटनाक्रम के बाद विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में और आक्रोश फैल गया। विधायक प्रदीप पटेल ने भी उनके समर्थन में धरना स्थल पर बैठकर अपनी एकजुटता दिखाई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती कर दी गई और प्रशासन पूरी रात हालात पर नजर बनाए रहा।
अब देखना होगा कि विधायक के इस कदम के बाद जमीन विवाद को लेकर प्रशासन और वक्फ बोर्ड क्या रुख अपनाते हैं। गांव के लोगों और सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी की गई, तो विरोध और तेज होगा। फिलहाल खजराना गांव में सियासी और सामाजिक गहमागहमी चरम पर है।
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