सीधी जिला अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया, जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच गए। मंत्री ने अस्पताल के ओपीडी, इंजेक्शन रूम, रिकॉर्ड रूम, लेबर रूम समेत अन्य विभागों का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने अव्यवस्थाएं देखकर नाराज़गी जताई और सुधार के निर्देश दिए।
निरीक्षण के बाद मंत्री ने सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे और सीएमएचओ को बुलाकर बंद कमरे में बैठक की। इस दौरान सांसद और विधायक दोनों मौजूद थीं। बैठक में माहौल तब गरम हो गया, जब मंत्री ने पूछा कि रीती पाठक जी ने 17 लाख 85 हजार रुपये की लागत से जो 20 उपकरण अस्पताल को दिए थे, वे कहां हैं? इस पर सिविल सर्जन डॉ. खरे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उनके गोलमोल जवाबों पर मंत्री ने सख्त फटकार लगाई। वहीं सांसद रीती पाठक ने भी नाराज़गी जताई और कहा कि जिन उपकरणों को अस्पताल की सुविधा के लिए दिया गया था, उनका उपयोग तक नहीं हो रहा है।
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मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, डॉ. खरे निरीक्षण और सवालों के जवाब देने के बजाय चाय-नाश्ते की व्यवस्था में ज्यादा व्यस्त थे। मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जिला अस्पताल में कई कमियां मिली हैं। अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अचानक निरीक्षण और फटकार के बाद अस्पताल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई है। माना जा रहा है कि सिविल सर्जन डॉ. एस.बी. खरे पर विभागीय कार्रवाई तय है।
इस दौरान उनके साथ सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, विधायक रीती पाठक और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता व अधिकारी मौजूद थे।