संजय टाइगर रिजर्व के दुबरी क्षेत्र में बाघ के अवशेष मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। यह सनसनीखेज मामला ब्यौहारी बफर जोन के अंतर्गत आने वाले बोचरो गाँव का है, जहां एक खेत से उठी संदिग्ध दुर्गंध ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
जानकारी के मुताबिक 8 नवंबर की दोपहर स्थानीय लोगों ने बोचरो निवासी पुष्पेंद्र पटेल के खेत से दुर्गंध आने की सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ब्यौहारी की टीम, परिक्षेत्राधिकारी, वनकर्मी दल और डॉग स्क्वाड के साथ मौके पर पहुंची।
जांच के दौरान खेत में खुदाई की गई, जहां दो गड्ढों से एक बोरी, बाघ के बालों के गुच्छे सहित वन्य प्राणी के शरीर के महत्वपूर्ण अंग बरामद किए गए। बरामदगी स्थल संजय टाइगर रिजर्व और उत्तर शहडोल वनमंडल की सीमा पर स्थित होने से जांच और भी पेचीदा हो गई है।
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बरामद अवशेषों की पुष्टि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा की गई। प्रारंभिक परीक्षण में अवशेष बाघ के ही बताए जा रहे हैं। विसरा नमूने सुरक्षित कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं, ताकि मौत के कारण और समय का निर्धारण हो सके।
नियमों के मुताबिक क्षेत्र संचालक अमित कुमार दुबे, एनटीसीए प्रतिनिधि कैलाश तिवारी एवं वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बाघ के अवशेषों को विधिसम्मत तरीके से दहन कर नष्ट किया गया।
घटना के बाद वन विभाग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। संजय टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय संचालक अमित कुमार दुबे ने बताया कि जांच के आधार पर एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। अधिकारियों का मानना है कि प्रारंभिक सबूत शिकार या अवैध व्यापार की ओर इशारा कर रहे हैं, हालांकि बाघ की वास्तविक मृत्यु, स्थल और कारणों को लेकर गहन जांच जारी है।