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Forests are being destroyed in the race to extract 'black gold', 600,000 trees are being cut down
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Singrauli News: 'काला सोना' निकालने की होड़ में उजड़ रहा जंगल, कट रहे छह लाख पेड़, अब कांग्रेस उतरी विरोध में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली Published by: सिंगरौली ब्यूरो Updated Thu, 11 Dec 2025 09:22 PM IST
मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में कोयला खनन के लिए बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई का दौर शुरू हुआ है। यहां धिरौली कोल ब्लॉक के लिए करीब छह लाख पेड़ों की कटाई पुलिस की पहरेदारी में हो रही है। इसका विरोध स्थानीय ग्रामीण आदिवासी और विपक्ष दल कर रहे हैं, लेकिन पेड़ कटाई का क्रम रुक नहीं रहा है। हालांकि कांग्रेस कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जारी पेड़ों की कटाई, जमीन अधिग्रहण, प्रदूषण और आदिवासी विस्थापन के मुद्दों पर लगातार प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि क्षेत्र को ‘कुशल विकास’ का नाम देकर आदिवासियों को अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
विधानसभा में कांग्रेस ने उठाया था पेड़ कटाई का मुद्दा
कांग्रेस ने पिछले दिनों इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए यह आरोप भी लगाया था कि अदाणी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए जिले के आठ गांवों को अधिसूचित क्षेत्र से बाहर तक कर दिया गया है। इसके बाद कांग्रेस ने एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया था, जो बुधवार को सिंगरौली पहुंचा, लेकिन प्रशासन ने इसमें शामिल नेताओं को जंगल के अंदर जाने से पहले ही रोक दिया।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि उन्हें पीड़ितों से मिलने एवं तथ्य जानने तक की अनुमति नहीं दी गई, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। पटवारी के साथ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित अन्य नेता भी इस समिति में शामिल थे। पुलिस की ओर से रोके जाने के बावजूद कांग्रेस नेताओं ने सिंगरौली एवं देवसर क्षेत्र के प्रभावित गांवों का दौरा किया और वहां जारी पर्यावरण संकट, जमीन छीने जाने की शिकायतें, कोयला खदानों से उपजे गंभीर प्रदूषण तथा आदिवासी परिवारों के विस्थापन की स्थिति का प्रत्यक्ष अध्ययन किया।
कांग्रेस ने दावा किया कि ग्रामीणों से कागजों पर सहमति का दावा किया जाता है, जबकि असल में उन्हें धमकाकर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में पटवारी ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम और पूरा जंगल अदाणी के नाम। यही ‘डबल इंजन’ सरकार की असल नीति है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 4,000 हेक्टेयर में प्लांट स्थापित करने के नाम पर 10 लाख से अधिक वृक्ष काटे जा रहे हैं।
कलेक्टर का दावा: कांग्रेस कर रही भ्रामक जानकारी प्रस्तुत
मामले पर सिंगरौली जिला कलेक्टर गौरव बैनल ने बताया कि कांग्रेस की ओर से इस मामले में ‘भ्रामक’ जानकारी प्रस्तुत की जा रही है, जबकि इस परियोजना के लिए आवश्यक सभी प्रक्रियाएं पूरी की गई हैं और अनुमति विधिवत तरीके से हासिल की गई हैं।
कांग्रेस विधायक ने कहा- कई पेड़ों पर नंबरिंग नहीं, फिर भी काट दिए गए
कांग्रेस विधायक विकांत भूरिया ने एक वीडियो जारी कर बताया कि जमीन पर निरीक्षण के दौरान कई ऐसे पेड़ मिले, जिन पर नंबरिंग ही नहीं की गई थी, जबकि उन्हें भी काटा जा चुका था। उन्होंने कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होती, तो हर पेड़ को नंबर देने के बाद ही काटने की अनुमति दी जाती। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन असली स्थिति सामने नहीं आने देना चाहता। कांग्रेस विधायक भूरिया ने दावा किया कि पेड़ों की कटाई का आंकड़ा प्रशासन के आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।
कांग्रेस की टीम ने दो दिन किया दौरा
यह मामला तब सामने आया जब 10 और 11 दिसंबर को कांग्रेस की 12 सदस्यीय टीम ने सिंगरौली के कई इलाकों का दौरा किया। टीम का उद्देश्य भू-अधिग्रहण से प्रभावित लोगों की समस्याओं को समझना और पेड़ कटाई की वास्तविक स्थिति का जायजा लेना था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायतें, दस्तावेज और पेड़ कटाई से जुड़े वीडियो प्रमाण केंद्र की कमेटी के सामने रखे जाएंगे। इसके बाद पार्टी आगे की रणनीति और आंदोलन की दिशा तय करेगी। नेताओं ने बताया कि पेड़ कटाई और ग्रामीणों की समस्याओं पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
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