मंगलवार शाम करीब 7 बजे टीकमगढ़ जिला अस्पताल के पहले गेट के पास झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज सुनकर एक राहगीर ने अस्पताल प्रशासन को सूचना दी। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात गार्ड सद्दाम खान मौके पर पहुंचे तो देखा कि झाड़ियों में एक नवजात शिशु किलकारियां मार रहा था। उन्होंने तुरंत डॉक्टरों को बुलाया। डॉक्टर मौके पर पहुंचे और नवजात को लेकर आईसीयू में भर्ती कराया गया।
इसके बाद अस्पताल परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिनमें दो बाइक सवार और एक महिला बच्चे को झाड़ियों में फेंकते हुए नजर आए। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए टीकमगढ़ शहर के सिविल लाइन इलाके में स्थित जीवन हॉस्पिटल से आरोपियों और महिला को गिरफ्तार कर लिया।
टीकमगढ़ एसडीओपी राहुल ने बताया कि पुलिस ने घटना के 30 मिनट के भीतर ही दोनों आरोपी और बच्चे की मां को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ जारी है। उन्होंने बताया कि सभी आरोपी छतरपुर जिले के रहने वाले हैं। एसडीओपी ने कहा कि मेडिकल गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी नाबालिग की डिलीवरी किसी निजी नर्सिंग होम में होती है, तो उसकी सूचना पुलिस और संबंधित एसडीएम को देना अनिवार्य है। लेकिन जीवन हॉस्पिटल की संचालक डॉ. मांडवी साहू ने ऐसा नहीं किया। इसलिए अस्पताल संचालक समेत सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जीवन हॉस्पिटल की संचालक डॉ. मांडवी साहू ने फोन पर बताया कि वह महिला उनके अस्पताल में सिर्फ जांच के लिए आई थी, डिलीवरी उनके यहां नहीं हुई। उन्होंने कहा, “पुलिस अचानक आई और आरोपियों को पकड़कर ले गई। मेरे यहां डिलीवरी नहीं हुई है। सोशल मीडिया पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। कृपया पुलिस से जानकारी लें।”
सूत्रों के अनुसार, डॉ. मांडवी साहू के नर्सिंग होम का लाइसेंस पहले भी कई बार निरस्त हो चुका है।
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टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. अमित शुक्ला ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। उन्होंने तुरंत चाइल्ड सर्जन को फोन करके नवजात की हालत पूछी। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे की हालत फिलहाल स्थिर है और उसे आईसीयू में रखा गया है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि उन्हें यह पता नहीं है कि डिलीवरी कहां हुई। उन्होंने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर देखा है कि यह डिलीवरी डॉ. मांडवी साहू के नर्सिंग होम में हुई बताई जा रही है।