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Bareilly: 14 अक्तूबर को सुनवाई, कानूनी चक्रव्यूह में फंसा मौलाना तौकीर, दस मुकदमों में होगी तलबी
Video Published by: पंखुड़ी श्रीवास्तव Updated Wed, 08 Oct 2025 10:25 AM IST
फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां गंभीर कानूनी पेंच में फंस गए हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए उनकी जेल से जल्द रिहाई की संभावना बहुत कम नजर आ रही है। बरेली में 26 सितंबर को हुए उपद्रव के बाद पुलिस ने पांच थानों में कुल दस मुकदमे दर्ज किए, जिनमें नौ मामलों में मौलाना को साजिशकर्ता के तौर पर नामजद किया गया है। पुलिस ने इन मामलों में बी वारंट फतेहगढ़ जेल में दाखिल कर दिया है। इसके अलावा, 2019 के सीएए-एनआरसी प्रदर्शन से जुड़े एक पुराने केस में भी मौलाना पर आरोप तय किए गए हैं।
मामलों की सुनवाई पहले 7 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन फतेहगढ़ जेल प्रशासन ने स्टाफ की कमी का हवाला देकर मौलाना को कोर्ट में पेश करने में असमर्थता जताई। अब अगली तारीख 14 अक्टूबर तय की गई है। चूंकि दीपावली निकट है, इसलिए सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने की संभावना है। एसपी सिटी मानुष पारीक के अनुसार, सभी मुकदमों की जांच और कानूनी कार्रवाई उच्च अधिकारियों की निगरानी में निष्पक्ष रूप से की जा रही है।
गौरतलब है कि मौलाना तौकीर रजा का नाम 2010 से कई बार दंगों और विवादों में सामने आता रहा है, लेकिन राजनीतिक पहुंच और धार्मिक प्रभाव के चलते अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इस बार खुद उनके आह्वान पर हुए प्रदर्शन ने उन्हें सीधे कानूनी शिकंजे में ला दिया।
फतेहगढ़ जेल की तन्हाई बैरक में बंद मौलाना की गतिविधियों पर सीसीटीवी से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जेल प्रशासन ने उन्हें हिंदी और उर्दू साहित्य की किताबें भी उपलब्ध कराई हैं। जेल में उनसे मिलने वालों का पूरा रिकॉर्ड शासन को भेजा जा रहा है। इस बार प्रशासन और कानून व्यवस्था पूरी तरह सख्ती के साथ कदम उठा रही है, जिससे साफ है कि मौलाना के लिए यह मामला पहले की तरह आसान नहीं रहने वाला।
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