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Orchha: भगवान राजा राम बने दूल्हा, बारात से पहले पुलिस जवानों ने दी सलामी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, निवाड़ी Published by: टीकमगढ़ ब्यूरो Updated Fri, 06 Dec 2024 08:56 PM IST
भगवान राजाराम की भव्य बारात शुक्रवार शाम ओरछा के रामराजा मंदिर से निकली। यह देश का इकलौता मंदिर है, जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। विवाह पंचमी के इस ऐतिहासिक उत्सव में भगवान राजाराम दूल्हे के रूप में नई पालकी में सवार हुए, और बारात में निवाड़ी के कलेक्टर, विधायक, मंत्री सहित लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। मंदिर के बाहर तैनात पुलिसकर्मियों ने भगवान को सलामी दी, और बारात ने नगर भ्रमण करते हुए जानकी मंदिर तक अपनी यात्रा पूरी की।
भगवान राम को राजा के रूप में पूजने की परंपरा
ओरछा को 'बुंदेलखंड की अयोध्या' कहा जाता है, और यहां रामराजा मंदिर में भगवान राम राजा के रूप में विराजमान हैं। विवाह पंचमी पर तीन दिवसीय विवाह महोत्सव आयोजित किया जाता है। इस वर्ष, नई पालकी में भगवान राजाराम को दूल्हे के रूप में सजाया गया। गुरुवार को मंडप की रस्मों में हल्दी और सामूहिक भोज का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
पुलिस ने दी सलामी, कलेक्टर बने साक्षी
पालकी के मंदिर के बाहर आते ही मध्य प्रदेश पुलिस बल ने भगवान को सलामी दी। निवाड़ी कलेक्टर, प्रभारी मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा और विधायक अनिल जैन ने इस धार्मिक परंपरा में भाग लिया। नगर भ्रमण के बाद बारात जानकी मंदिर पहुंची, जहां भावर और विवाह की रस्में पूरी की गईं।
1984 से बढ़ा महत्व
वरिष्ठ पत्रकार जगदीश तिवारी के अनुसार, 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रामराजा मंदिर का दौरा किया था, जिसके बाद मंदिर की ख्याति बढ़ने लगी। तब से यह उत्सव अधिक धूमधाम से मनाया जाने लगा है।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
लाखों श्रद्धालुओं ने बारात में शामिल होकर भगवान राजाराम के विवाह को देखने का सौभाग्य पाया। पूरे नगर में दिव्य सजावट और उत्सव का माहौल था। जिला प्रशासन ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसे ओरछा की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत स्वरूप भी माना जाता है।
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