उज्जैन में इन दिनों शहर की एक आंगनवाड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसकी चर्चा का कारण यहां होने वाली पढ़ाई या बच्चों को मिलने वाला भोजन नहीं है, बल्कि यहां पर बच्चों से ज्यादा संख्या में सांपों का दिखाई देना है। स्थिति यह है कि कभी-कभी तो आंगनवाड़ी का दरवाजा खुलते ही सांप नजर आ जाते हैं और डर के कारण आंगनवाड़ी की छुट्टी तक कर दी जाती है।
शहर के वार्ड नंबर 16, नगरकोट माता मंदिर के पास आदर्श आंगनवाड़ी संचालित की जाती है। यहां कार्यकर्ता ज्योत्सना दीक्षित के साथ प्रीति गौड़ और सरस्वती आठिया भी कार्यरत हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से आंगनवाड़ी में सांपों की मौजूदगी के कारण दहशत का माहौल है। बताया जाता है कि कमरों में अक्सर सांप घूमते रहते हैं, जिसके कारण बच्चों को बैठाना और पढ़ाई करवाना तक जोखिम भरा हो गया है। कार्यकर्ता रोज आंगनवाड़ी तो आती हैं, लेकिन दरवाजा खोलते ही सांप दिखने पर मजबूरन ताला लगाकर छुट्टी कर दी जाती है।
महिला बाल विकास अधिकारी को दी शिकायत
जानकारी के अनुसार, आंगनवाड़ी में सांप निकलने की शिकायत 4 अगस्त को ही महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को कर दी गई थी। लेकिन 10 दिन बीतने के बावजूद विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे समस्या का समाधान हो सके।
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तो कौन होगा जिम्मेदार?
इस आदर्श आंगनवाड़ी में प्रतिदिन लगभग 50 से अधिक बच्चे आते हैं। यहां कमरों के साथ ही बाहर के क्षेत्र में भी सांपों को घूमते देखा गया है। कार्यकर्ताओं ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को शिकायत तो कर दी है, लेकिन यदि कभी किसी बच्चे को सांप काटने जैसी अनहोनी घटना हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, इस पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।
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क्या बंद हो जाएगी आंगनवाड़ी?
आंगनवाड़ी में सांप निकलने की बात किसी से छुपी नहीं है। कार्यकर्ताओं के साथ ही बच्चों के माता-पिता भी कई बार इस समस्या को उठाकर सुरक्षित स्थान पर आंगनवाड़ी स्थानांतरित करने की मांग कर चुके हैं। यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ तो क्षेत्र की यह आंगनवाड़ी बंद भी हो सकती है।