विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सावन माह के समाप्त होने के बाद भस्म आरती के समय में बड़ा बदलाव किया गया है। अब तक श्रावण मास में यह आरती रात 2:30 बजे से शुरू हो रही थी, लेकिन 19 अगस्त, मंगलवार से यह आरती अपने पुराने समय सुबह 4 बजे से होगी।
श्रावण मास में विशेष व्यवस्था
भगवान शिव को श्रावण-भादो मास अति प्रिय है। इसी कारण सावन के दौरान बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जागते हैं। इस वर्ष सावन की शुरुआत के बाद से ही सुबह होने वाली भस्म आरती का समय बदलकर रात 2:30 बजे कर दिया गया था। डेढ़ महीने तक यह व्यवस्था चली और अब पुनः पूर्ववत हो रही है।
पुजारी ने कही ये बात
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि श्रावण मास में भक्त तो भगवान के लिए कठिन उपवास और तप करते ही हैं, लेकिन बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए तय समय से पहले जागते हैं। सावन में आरती रात 2:30 बजे से होती थी, जबकि सामान्य दिनों में यह 3:00 बजे से होती थी। अब 19 अगस्त से प्रतिदिन भस्म आरती सुबह 4 बजे होगी।
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भस्म आरती की परंपरा
भस्म आरती की शुरुआत प्रतिदिन चांदी द्वार के पास भगवान मानभद्र और वीरभद्र की आज्ञा लेने के बाद होती है। इसके पश्चात भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक और केसर युक्त जल अर्पित किया जाता है। फिर भांग और मावे के साथ बाबा का श्रृंगार कर उन्हें आभूषण पहनाए जाते हैं। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित करता है। मान्यता है कि इस आरती के दौरान बाबा महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में प्रकट होकर भक्तों को दर्शन देते हैं।