उज्जैन में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति अब जल्द ही एक ऐसी व्यवस्था लागू करने वाली है, जिसके तहत महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी और पुरोहित भी ड्रेस कोड में नजर आएंगे। प्रबंध समिति द्वारा यह कार्य इसीलिए किया जा रहा है, क्योंकि मंदिर में सभी पुजारियों और पुरोहितों की एक जैसी वेशभूषा देखकर अधिकांश समय श्रद्धालु मंदिर के अन्य लोगों के संपर्क में आकर ठगी के शिकार हो जाते हैं। इस नई व्यवस्था से सभी पुजारी, पुरोहित और उनके प्रतिनिधि एक ही तरह के ड्रेस कोड में नजर आएंगे, जिससे उन्हें आसानी से पहचाना जा सकेगा।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी और पुरोहितों के लिए भी ड्रेस कोड लागू होने वाला है, जिसके तहत अब मंदिर के 16 रजिस्टर्ड पुजारी, 22 पुरोहित और लगभग 45 प्रतिनिधियों को ड्रेस कोड का पालन करना जरूरी होगा। इस ड्रेस कोड को लागू करने के बारे में प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि एक जैसी वेशभूषा होने के कारण मंदिर के पुजारी और पुरोहितों को आसानी से पहचाना जा सकेगा।
साथ ही उनके गले में आईडी कार्ड भी होगा, जिससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को इन्हें पहचानने में कोई भी परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि कई बार एक जैसी वेशभूषा होने के कारण अनाधिकृत लोग भी पुजारी-पुरोहित बनकर मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं। इस नई व्यवस्था से श्रद्धालुओं को जहां पुजारी–पुरोहितों को पहचानने में कोई परेशानी नहीं होगी, वहीं भोले-भाले भक्तजनों से होने वाली ठगी पर भी रोक लगेगी।
ड्रेस कोड लागू होते ही समिति यह प्रयास करेगी कि सभी पुजारी, पुरोहित और उनके प्रतिनिधि ड्रेस कोड का पालन करें और अपने गले में आईडी कार्ड भी डालकर रखें। बताया जाता है कि इस कार्ड में संबंधित व्यक्ति का नाम, पता, फोटो, ब्लड समूह के साथ ही मोबाइल नंबर की भी जानकारी होगी। अगर किसी कारण से यह कार्ड गुम होता है तो तुरंत इसकी जानकारी महाकाल थाने को देना अनिवार्य होगा, जिससे कि कोई इस कार्ड का दुरुपयोग न कर सके।
पूर्व में जब गर्भगृह में जाने के लिए प्रतिबंध नहीं था, तब गर्भगृह में प्रवेश के लिए पुरुषों को आमतौर पर धोती–सोला और महिलाओं को साड़ी पहननी पड़ती थी। भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्तों को मंदिर के इन महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना पड़ता था। ड्रेस कोड अनुष्ठान की शुद्धता और पारंपरिक पवित्रता को बनाए रखता है।
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ड्रेस के मानक तय करने का काम मंदिर समिति कर रही है। इस नियम के लागू होने के बाद पूजन-पाठ के मद्देनजर गर्भगृह से लेकर महाकाल मंदिर परिसर में केवल अधिकृत और पहचान पत्र वाले ही प्रवेश कर सकेंगे। इससे मंदिर की मर्यादा और अनुशासन में वृद्धि होगी तथा श्रद्धालुओं को सुरक्षित और पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी। दरअसल, महाकाल मंदिर परिसर में अनेक बाहरी लोग सफेद बनियान, केसरिया या लाल धोती पहनकर स्वतंत्र रूप से घूमते रहते हैं। कई बार ऐसे लोग गर्भगृह तक पहुंच जाते हैं, जिससे पंडे-पुजारी और पुरोहितों की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है। इससे निजात पाने के तहत अब जल्द ही मंदिर में नई ड्रेस कोड व्यवस्था लागू होगी।