जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या से पूरे देश में गुस्से की लहर है। मुस्लिम समुदाय ने भी पूरे देशभर में पहलगाम हमले के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के नेस्तनाबूद करने की मांग की। इस दौरान वहां श्रीनगर की जामा मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद हुई तकरीर में पहलगाम के आतंकवादी हमले का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। यूपी के कन्नौज में जामा मस्जिद के बाहर सैकड़ों मुसलमानों ने प्रदर्शन किया और पाकिस्तान मुर्दाबाद और हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। लोगों ने मस्जिद के बाहर पाकिस्तान का पुतला भी फूंका। साथ ही कुछ स्थानों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर नमाज़ पढ़ी। मुस्लिम समुदाय द्वारा देशभर में पहलगाम की इस घटना के विरोध में किया जा रहा है। प्रदर्शन को लेकर जब साधु संतों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि जो भी व्यक्ति भारत देश में रहता है, यहां का खाता है, पीता है, यहां के संविधान को मानता है। उसे इस देश के बारे में ही सोचना चाहिए। अगर कोई ऐसा नहीं सोचता तो वह राष्ट्रद्रोही है।
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भारत में रहने वाला मुसलमान आतंक के खिलाफ बोलना जानता
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरी ने बताया कि भारत में रहने वाला हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ण का हो वह भारत में पूरी तरह सुरक्षित है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी भारत में मुस्लिम देशों से अधिक अधिकार प्राप्त हैं। भारत में रहने वाले मौलाना और उलेमा को भी फतवा जारी करना चाहिए कि आतंक फैलाने वालों का कोई धर्म या मजहब नहीं होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खिलाफत करने से विश्व में संदेश जाएगा कि भारत में रहने वाला मुसलमान आतंक के खिलाफ बोलना भी जानता है।
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मुस्लिम समुदाय के लोग प्रत्येक मुद्दे पर भारत के साथ रहें
वहीं स्वस्तिकपीठ के पीठाधीश्वर डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि धर्म पूछकर पहलगाम में गोली मारने की घटना की निंदा विश्व स्तर पर हो रही है। भारत का मुसलमान भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ है। भारत का मुसलमान जगह-जगह घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग प्रत्येक मुद्दे पर भारत के साथ रहें, क्योंकि वह भारत में रहते हैं, यही का खाते हैं, यही का पीते हैं और यही के संविधान के अंतर्गत आते हैं, इसीलिए उन्हें भारत का समर्थन करना ही चाहिए। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो यह राष्ट्रद्रोह है।