उमरिया में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी जोन में मंगलवार सुबह पर्यटकों को रोमांचक दृश्य देखने को मिला। यहां पांच वर्षीय झमहोल नामक बाघ को एक गोवंश का शिकार करते हुए देखा गया। यह रोमांचक घटना मगधी जोन के सेंटर प्वाइंट के पास घटी, जिसे सफारी पर गए पर्यटकों ने कैमरे में कैद कर लिया।
मंगलवार सुबह जब पर्यटक अपनी जिप्सी में बैठकर जंगल की सैर कर रहे थे, तब उनकी नजर झमहोल बाघ पर पड़ी। बाघ पूरी तरह घात लगाए बैठा था, जैसे ही गोवंश का झुंड वहां पहुंचा, उसने तेजी से हमला कर दिया। कुछ ही क्षणों में उसने एक गोवंश को अपने जबड़े में दबा लिया और जंगल की गहराइयों में ले गया। बाघ के इस शिकार को देखकर पर्यटक हैरान रह गए। उन्होंने इस पूरे दृश्य को अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया। इस घटना से न केवल जंगल में बाघों के शिकार की प्राकृतिक प्रक्रिया को देखने का अवसर मिला, बल्कि वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह एक अनोखा अनुभव भी साबित हुआ।
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व: बाघों का स्वर्ग
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बाघों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगल और विविध वन्यजीव इसे एक अनूठा वन्यजीव अभयारण्य बनाते हैं। यह टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है और यह बाघों की उच्च घनत्व संख्या के लिए जाना जाता है। वर्तमान में यहां 165 से अधिक बाघ निवास करते हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटकों के लिए सफारी की सुविधा उपलब्ध है। इसमें तीन बफर ज़ोन (धमोखर, पनपथा और मंजारी) और दो कोर ज़ोन (ताला और मगधी) शामिल हैं। बाघों के अलावा यहां तेंदुआ, गौर, हिरण, सियार और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं।
झमहोल बाघ: मगधी जोन का शासक
झमहोल नामक यह बाघ मगधी जोन में अपना प्रभुत्व स्थापित कर चुका है। इसकी ताकत और शिकार करने की कुशलता इसे जंगल के शीर्ष शिकारी के रूप में स्थापित करती है। वन अधिकारियों के अनुसार, झमहोल बाघ अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहता है और इसकी मौजूदगी मगधी जोन में प्रमुख रूप से दर्ज की गई है।
पर्यटकों के लिए रोमांच और जागरूकता
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस तरह की घटनाएं पर्यटकों के लिए रोमांचक अनुभव प्रदान करती हैं। यहां जंगल सफारी के दौरान बाघों और अन्य वन्यजीवों की गतिविधियों को करीब से देखने का अवसर मिलता है। यह न केवल रोमांच प्रदान करता है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा बाघों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा के लिए सतत प्रयास किए जाते हैं।
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मंगलवार सुबह मगधी जोन में झमहोल बाघ द्वारा किए गए इस शिकार ने पर्यटकों को रोमांच और विस्मय से भर दिया। इस तरह की घटनाएं हमें जंगल के संतुलन और वन्यजीवों के प्राकृतिक व्यवहार को समझने का अवसर देती हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस प्रकार के अनुभव प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत मूल्यवान साबित होते हैं।
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