देश भर में भाई-बहन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। वहीं, उमरिया जिला जेल में रक्षाबंधन पर भावुक नजारा देखने को मिला। यहां कैदियों और विचाराधीन बंदियों से मिलने पहुंची उनकी बहनों ने नम आंखों से अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी और उनके जल्द रिहा होने की कामना की।
रक्षाबंधन पर सुबह से ही जिला जेल के बाहर बहनों की भीड़ दिखी, जो हाथों में राखी, मिठाई और उम्मीदें लेकर अपने भाइयों से मिलने आई थीं। कई बहनें महीनों बाद अपने भाई से मिलने का मौका पाकर भावुक हो गईं। राखी बांधते समय कई की आंखें छलक पड़ीं। किसी ने भाई को गले लगाकर आशीर्वाद दिया, तो किसी ने चुपचाप उसकी कलाई थामी और भगवान से उसकी रिहाई की प्रार्थना की। जेल प्रशासन ने इस अवसर पर विशेष मुलाकात की व्यवस्था की। सामान्य दिनों में जहां कैदियों से मिलने के लिए सख्त नियम और समय-सीमा होती है, वहीं रक्षाबंधन के दिन बहनों को खुली छूट दी गई कि वे बिना किसी जल्दबाजी के अपने भाइयों से मिल सकें।
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जिला जेल अधीक्षक के अनुसार, रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है और यह भावनाओं को जोड़ने वाला त्योहार है। हमने कोशिश की कि कैदियों को भी इस दिन परिवार का स्नेह महसूस हो सके। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन सतर्क रहा। जेल परिसर और मुख्य द्वार पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। मुलाकात के दौरान जेलकर्मियों की पैनी नजर रही, ताकि भीड़ के बावजूद किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
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एक विचाराधीन बंदी की बहन ने कहा, "मेरा भाई गलती से इस मुसीबत में फंस गया है। भगवान से यही प्रार्थना करती हूं कि वह जल्द घर लौट आए।" एक अन्य महिला ने बताया कि भाई से महीनों बाद मिलने का मौका मिला और यह दिन उसके लिए बेहद खास है, भले ही यह जेल की दीवारों के भीतर क्यों न हो।