अलवर शहर में वंचित वर्ग आरक्षण उपवर्गीकरण की मांग को लेकर निकाली जा रही रथयात्रा का मंगलवार दोपहर वाल्मीकि समाज ने भव्य स्वागत किया। शहर के कंपनी गार्डन से भरतपुर से शरू होने वाली रथ यात्रा का स्वागत किया, जिसके बाद नगर निगम के सामने समाज के लोगों को संबोधित किया और शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए डॉ. भीमराव आंबेडकर चौराहे और उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर अलवर में रथ यात्रा का समापन किया।
बता दें कि वंचित वर्ग आरक्षण उपवर्गीकरण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विकास नरवार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अगस्त 2024 को आरक्षण के वर्गीकरण पर दिए गए फैसले के बाद यह रथ यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा का उद्देश्य राजस्थान के गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में जाकर वंचित समाज को उपवर्गीकरण की आवश्यकता के प्रति जागरुक करना है। नरवाल ने कहा कि कई समाज आरक्षित श्रेणी में आने के बावजूद पिछड़ेपन के कारण इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। नरवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के हर राज्य में उपवर्गीकरण लागू होना चाहिए, लेकिन राजस्थान में अभी तक कोई भी महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाये गए हैं, जिसको लेकर भरतपुर से इस रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया है, जो सम्पूर्ण राजस्थान के हर जिले तहसील पर लोगों को इस उपवर्गीकरण के बारे में बताया जाएगा। अभी तक राजस्थान में 31 ज्ञापन दे चुके हैं, जिला स्तर पर जिला कलेक्टर व तहसील व पंचायत स्तर पर सम्बंधित अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जा रहा है।
बता दें कि राजस्थान में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक, प्रशासनिक हर दृष्टिकोण से कमजोर वाल्मीकी, मेहतर, सांसी कंजर, नट, ढोली, बाजीगर, सपेरा, मदारी, कालबेलियां, बावरी भांड, धानक, कामड़ व अन्य (जिसे राज्य सरकार के सर्वे के बाद इसके लिए उपयुक्त समझे) जो कि वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग में सामाजिक रूप से अत्यधिक पिछड़ी हुई जाति है। इनके साथ अधिकतर छुआछूत, जातिगत, उत्पीड़न आर्थिक विषमता, शैक्षणिक आधार पर अत्यधिक पिछड़ी हुई है। इनको आरक्षण में उपवर्गीकरण जल्द लागू होना चाहिए।