अहमदाबाद के चंदोला में अवैध रूप से बांग्लादेशियों को बसाने वाले आरोपी लल्ला बिहारी की बांसवाड़ा से गिरफ्तारी के बाद जिले में पुलिस ने सक्रियता बढ़ा दी है। जिले के सभी थाना क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशियों की धरपकड़ को लेकर जांच अभियान शुरू किया गया है। दूसरी ओर जिले में एक पिता-पुत्र भारतीय नागरिकता के लिए भारत सरकार की मंजूरी मिलने के इंतजार में हैं।
बांसवाड़ा के झेरमोटी गांव से अहमदाबाद पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा लल्ला बिहारी को गिरफ्तार करने के बाद बांसवाड़ा पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्र में संदिग्ध लोगों की जांच-पड़ताल के लिए घर-घर सर्वे करना शुरू कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने जानकारी देते हुए बताया कि 300 से अधिक लोगों के दस्तावेजों की जांच विभिन्न थाना क्षेत्र में की गई है, जिसमें कुशलगढ़, गढ़ी, आनंदपुरी, सल्लोपाट बांसवाड़ा, कलिंजरा आदि क्षेत्र शामिल हैं। इसमें कलिंजरा और सल्लोपाट थाना क्षेत्र से एक-एक संदिग्ध सामने आने की जानकारी है, जिनके दस्तावेजों की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वे भारतीय हैं अथवा अवैध रूप से बांग्लादेश से आकर जिले में रह रहे हैं। अन्य थाना क्षेत्र में भी पुलिस की टीमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों की जांच कर रही हैं।
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इधर वर्षों पहले पाकिस्तान से यहां आकर बसे एक हिंदू परिवार में पिता-पुत्र को भारतीय नागरिकता का इंतजार है। परिवार के दो सदस्यों को नागरिकता मिल चुकी है, जबकि पिता-पुत्र लॉन्ग टर्म वीजा पर जिले में निवासरत हैं। बताया जा रहा है कि उक्त परिवार की पाकिस्तान में संपत्ति है और पिता- पुत्र वापस पाकिस्तान जाकर संपत्ति को बेचकर भारत में स्थाई रूप से बसने का निर्णय कर चुके हैं। उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए केंद्र सरकार से आवेदन भी कर दिया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष पूंजीलाल गायरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी एवं अन्य विदेशी नागरिकों की विशेष जांच की मांग की है। पत्र में उल्लेख किया है कि जिले की लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां अवैध रूप से बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या समुदाय के लोग निवास कर रहे हैं। ये लोग ना केवल अवैध तरीके से यहां बसे हुए हैं, बल्कि कई स्थानों पर इनसे जुड़ी अवैध गतिविधियां और कारोबार भी सामने आ रहे हैं। इनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं हैं और ये नकली दस्तावेज बनवाकर यहां रह रहे हैं।