जिले के कुशलगढ़ उपखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर गलापाड़ा गांव में शुक्रवार देर रात एक लेपर्ड ने पूर्व जिला प्रमुख स्व. जिथींग भाई के मकान के पास बने पशुघर पर हमला कर दिया। इस हमले में सात मवेशी और दो मुर्गे मारे गए। घटना के बाद गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है।
पूर्व जिला प्रमुख की पत्नी रेशम डामोर ने बताया कि उनके मकान के पास खाली पड़ी जगह में एक हॉल बना हुआ है, जहां पर पशुओं को बांधा जाता है। शुक्रवार रात करीब 2 बजे के आसपास कुछ हलचल की आवाज सुनाई दी, जिससे उनकी नींद खुल गई। इसके बाद वे और उनका बेटा कमलेश मौके पर गए तो देखा कि दरवाजा टूटा हुआ था। अंदर जाकर देखा तो छह बकरियां, एक बकरा और दो मुर्गे मृत अवस्था में पड़े थे। जानवरों के गले और पीठ पर गहरे घाव थे, जिससे उनके मारे जाने की पुष्टि हुई।
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घटना की जानकारी शनिवार सुबह जनप्रतिनिधि सुभाष भाई, वन विभाग, राजस्व विभाग और पशु चिकित्सा विभाग को दी गई। सूचना पर पटवारी कपिल कुमार ने मौका पर्चा बनाया और पशु चिकित्सक ने मौके पर पहुंचकर मृत पशुओं का पोस्टमार्टम किया। वनपाल अनीता कटारा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह लेपर्ड के हमले का मामला लग रहा है।
गौरतलब है कि गलापाड़ा गांव के पास जंगल क्षेत्र में पहले भी कई बार लेपर्ड की मौजूदगी देखी गई है। बीते दिनों लेपर्ड द्वारा मवेशियों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। वन विभाग का मानना है कि गलापाड़ा में हमला करने वाला लेपर्ड पास के जंगल से आया होगा। केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बांसवाड़ा शहर में भी लेपर्ड की सक्रियता देखी गई है। कुछ दिन पहले वाडिया कॉलोनी में एक लेपर्ड का शावक घुस आया था। इसके अलावा जयपुर रोड स्थित सर्किट हाउस के सामने और दीवार पर भी लेपर्ड को देखा गया था। सर्किट हाउस के ठीक पीछे श्यामपुरा का जंगल है, जहां लेपर्ड का एक पूरा परिवार रहता है। वन विभाग ने ग्रामीणों और शहरी निवासियों से सतर्क रहने की अपील की है और किसी भी हलचल की सूचना तुरंत विभाग को देने को कहा है।