महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में रोजगार नहीं मिलने, पूर्व में कार्य कर चुके श्रमिकों की बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं होने, हाईलेवल केनाल और परिसीमन जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को राज्य सरकार को घेरते हुए तीखे आरोप लगाए। सभा के बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।
कांग्रेस कार्यालय के बाहर आयोजित सभा में विधायक अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर मनरेगा योजना को कमजोर करने की साजिश कर रही हैं। जिले में श्रमिकों को पर्याप्त रोजगार नहीं मिल रहा, जिससे वे गुजरात व अन्य राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन श्रमिकों ने पहले कार्य किया है, उनकी मजदूरी का भुगतान आज तक लंबित है। कई पंचायतों में कार्य पूर्ण होने के बाद भी सामग्री मद की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। केटल शेड, कुएं आदि कार्यों की स्वीकृतियां भी लंबित हैं, जिससे गरीब, मजदूर और ग्रामीण जनता परेशान है।
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सभा में विधायक नानालाल निनामा, रमिला खड़िया, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार, केशव निनामा सहित कई नेताओं ने कहा कि बांसवाड़ा जनजाति बहुल क्षेत्र है, जहां अधिकांश लोग किसान, मजदूर और गरीब तबके से आते हैं। इनकी आजीविका का मुख्य आधार मनरेगा जैसी योजनाएं हैं। लेकिन समय पर मजदूरी नहीं मिलने और रोजगार के अवसर न मिलने के कारण इन लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और मजबूरी में अन्य राज्यों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। कार्यक्रम का संचालन अंकित निनामा ने किया।
ढोल-नगाड़ों के साथ निकाली रैली, सौंपा ज्ञापन
कांग्रेस प्रवक्ता इमरान खान पठान ने बताया कि सभा के बाद कांग्रेस जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता रैली की शक्ल में ढोल-नगाड़ों के साथ जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई।
मनरेगा में पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराना, पूर्व में कार्यरत श्रमिकों की बकाया मजदूरी का भुगतान करना, पूर्ण हो चुके पक्के कार्यों की राशि का निस्तारण करना, शहरी क्षेत्र में हुए नये परिसीमन के तहत जोड़े गए गांवों में श्रमिकों को इंदिरा नरेगा योजना के अंतर्गत रोजगार देना तथा अपर हाईलेवल केनाल निर्माण हेतु अधिग्रहित भूमि के एवज में किसानों को मुआवजा प्रदान करना।