जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव में गुरुवार को हुई पत्थरबाजी और छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर हुए विवाद के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। यह मामला तब भड़क गया जब जुंझार रामचंद्र सिंह सोढ़ा और जुंझार पालीवाल जी की छतरियों के पुनर्निर्माण कार्य का कुछ लोगों द्वारा विरोध किया गया। विरोध के बीच पत्थरबाजी हुई, जिससे कई गाड़ियों को क्षति पहुंची और गांव का वातावरण अशांत हो गया। गंभीर होते हालात को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की, जिससे स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका। फिलहाल गांव में शांति बनी हुई है, लेकिन प्रशासन की सतर्क निगरानी लगातार जारी है।
महंत प्रताप पुरी ने लिया निर्माण कार्य पूर्ण होने तक रहने का संकल्प
घटना के तुरंत बाद पोकरण विधायक और संत महंत प्रताप पुरी स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे और वहीं डेरा डाल दिया। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक छतरियों का पुनर्निर्माण कार्य पूरा नहीं होता, वे वहां से नहीं जाएंगे। गुरुवार देर शाम से लेकर शुक्रवार सुबह तक महंत प्रताप पुरी गांव में मौजूद रहे और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर भजन-कीर्तन किया, शांति और सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल धार्मिक भावना का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अस्मिता और परंपरा की रक्षा का विषय है, जिसे किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
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शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने की शांतिपूर्ण सहयोग की अपील
शुक्रवार को बाड़मेर जिले के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी अपने काफिले के साथ बासनपीर गांव पहुंचे। उन्होंने छतरियों के साथ हुई तोड़फोड़ की घटना की तीखी निंदा की और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की। विधायक भाटी ने भी भजन-कीर्तन में हिस्सा लिया और लोगों के साथ बैठकर स्थिति को समझा। उन्होंने कहा कि यह घटना निंदनीय है और इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए, कम है। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि छतरियों के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा और प्रशासन को इस दिशा में कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।
बीजेपी नेताओं का गांव में आना-जाना शुरू
विवाद और पत्थरबाजी की घटना के बाद जैसलमेर और बाड़मेर जिलों के कई बीजेपी नेता भी गांव पहुंचे। उन्होंने भी छतरियों के पुनर्निर्माण में बाधा डालने की घटना की आलोचना की और इसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करार दिया। नेताओं ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की और आश्वासन दिया कि पूरे समाज के साथ मिलकर इस धार्मिक स्थल का पुनर्निर्माण शीघ्र कराया जाएगा। वहीं, घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस विभाग हरकत में आया। पुलिस ने गांव में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी है। भारी पुलिसबल को भी तैनात किया गया है ताकि पुनः कोई अप्रिय घटना न हो सके।
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