झालावाड़ जिले में हाल ही में हुए स्कूल भवन हादसे के बाद प्रदेशभर में सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों को लेकर चिंता गहराने लगी है। इस कड़ी में बाड़मेर जिला भी अछूता नहीं है। जिले के कई सरकारी स्कूलों की इमारतें जर्जर हालत में हैं, वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि खुद इन भवनों के निर्माण और मरम्मत की जिम्मेदारी संभालने वाला समग्र शिक्षा कार्यालय भी जर्जर अवस्था में है।
कार्यालय की छत से गिरते हैं पत्थर, खतरे में काम कर रहे कर्मचारी
समग्र शिक्षा कार्यालय की छत कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कर्मचारियों ने बताया कि आए दिन छत से कंकड़-पत्थर गिरते रहते हैं, जिससे खतरे के माहौल में कार्य करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि वे सतर्क रहते हुए कार्य करते हैं, लेकिन हमेशा मन में भय बना रहता है।
भवन जिला परिषद का, मरम्मत के लिए भेजी गई रिपोर्ट
जिला समग्र शिक्षा के एडीपीसी तनुराम ने कार्यालय की जर्जर स्थिति की पुष्टि करते हुए बताया कि यह भवन जिला परिषद का है, जहां समग्र शिक्षा का कार्यालय संचालित हो रहा है। तकनीकी अधिकारियों द्वारा भवन का निरीक्षण किया गया है और रिपोर्ट आगे भेज दी गई है। बजट प्राप्त होने के बाद जिला परिषद द्वारा मरम्मत कार्य करवाया जाएगा।
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जिले के 72 स्कूलों के 149 कमरे क्षतिग्रस्त
एडीपीसी तनुराम ने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट में जिले के 72 सरकारी स्कूलों में 149 कमरे क्षतिग्रस्त पाए गए हैं। इन भवनों के लिए बजट प्रस्ताव तैयार कर आगे भेजा गया है। बजट स्वीकृत होते ही मरम्मत योग्य भवनों की मरम्मत की जाएगी, जबकि पूरी तरह जर्जर भवनों को ध्वस्त किया जाएगा।
सुरक्षा के लिहाज से गठित की गई निरीक्षण टीमें
जिला कलेक्टर के निर्देश पर सरकारी भवनों की सुरक्षा जांच के लिए निरीक्षण दल गठित किए गए हैं। ये दल प्रत्येक भवन का भौतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसके आधार पर अगली कार्यवाही की जाएगी। प्रशासन ने जर्जर भवनों को लेकर गंभीरता बरतते हुए शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है।